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धनबाद: एसएनएमएमसीएच में जिंदगी की जंग लड़ रहा है तीन वर्ष का मासूम

Dhanbad : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तीन वर्ष का मासूम जिंदगी की जंग लड़ रहा है. मासूम की स्थिति काफी गंभीर है. अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. 29 जून गुरुवार को बच्चे की सीटी स्कैन की रिपोर्ट आई. डॉक्टर ने बताया कि बच्चे के साथ मारपीट हुई है. सिर में काफी चोट लगी है, जिससे खून जम गया है. बायां हाथ भी टूटा हुआ है. गले में गहरे जख्म के निशान हैं. दोनों पैर और सिर पर भी जख्म हैं. बच्चा किसका है, स्टेशन पर कैसे पहुंचा. उसका यह हाल किसने किया. इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है. धनबाद के उपायुक्त संदीप सिंह के निर्देश पर विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी (एसएए) की ओर से अनिता कुमारी को बच्चे की देखभाल के लिए नियुक्त किया गया है. सुरक्षा की दृष्टि से रेल पुलिस की ओर से एक जवान को नियुक्त किया गया है.

फिलहाल इलाज को प्राथमिकता

इधर सामाजिक संगठन और कार्यकर्ता बच्चे की मदद के लिए अस्पताल पहुंचकर बच्चे के इलाज में सहयोग कर रहे हैं. बाल संरक्षण आयोग, रेड क्रॉस सोसाइटी धनबाद, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की ओर से बच्चे के इलाज में हर संभव मदद की जा रही है. बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने कहा कि फिलहाल इलाज को प्राथमिकता दी जा रही है. बच्चे का फोटो सभी ग्रुप में भेज दिया गया है, ताकि उसकी पहचान हो सके.

 सारा खर्च रेड क्रॉस सोसाइटी करेगी

रेड क्रॉस सोसाइटी धनबाद के सदस्य सुजीत रजक ने बताया कि बच्चे के इलाज में सारा खर्च रेड क्रॉस सोसाइटी की ओर से किया जा रहा है. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के प्रदेश सचिव पूजा सरकार ने कहा कि बच्चे के परिजन की तलाश की जा रही है. फिलहाल इलाज में हर संभव मदद की जा रहा है.

स्वस्थ होने पर चाइल्ड लाइन को होगा सुपुर्द

चाइल्ड लाइन कर्मी चंदना ने बताया कि बच्चा अज्ञात है. टिकट काउंटर के पास बेहोशी की अवस्था में पाया गया है. लग रहा है किसी ने उसे जान से मारने की कोशिश की थी और मृत समझकर छोड़ गए. बच्चे को स्वस्थ होने के बाद इसे चाइल्ड लाइन को सुपुर्द किया जाएगा.

 यह है पूरा मामला 

धनबाद रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर के निकट 28 जून बुधवार को बच्चा को बेहोशी की अवस्था में पड़ा मिला. देवघर के यात्री विक्रम ठाकुर ने टिकट काउंटर के समीप उसे देखा. उसने रेल पुलिस और चाइल्ड लाइन को सूचना दी. चाइल्ड लाइन ने मासूम को तत्काल रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच रेफर कर दिया गया. फिलहाल बच्चे का इलाज चल रहा है. बच्चे की हालत देखकर अस्पताल कर्मियों ने बच्चे के इलाज का खर्च खुद उठाने का जिम्मा लिया है. चंदा के पैसे से दवा, जांच और निःशुल्क एमआरआई करा रहे हैं. [wpse_comments_template]

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