Satish goswami
Topchachi : तोपचांची (Topchachi) कपूरिया महुदा निवासी महावीर महतो की चित्रकारी कला का अद्भुत नमूना पेश कर रही है. झारखंडी संस्कृति तथा पर्व त्योहार को चित्र कला के जरिये जीवंत करने वाला यह चित्रकार गुमनामी में जीने को विवश है. झारखंड के शहीद की तस्वीर को दीवारों पर उकेर कर यह चित्रकार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है. इसीलिए लोग अब उन्हें माटी का चित्रकार कहने लगे हैं.
सभ्यता-संस्कृति से जुड़े चित्र की लोग कर रहे सराहना
उनके प्रयास को सराहा जा रहा है. उनकी चित्रकला में शिक्षा के प्रति संदेश, झारखंड के शहीद, पर्व-त्योहार, संस्कृति, सभ्यता और भाषा से संबंधित जानकारी भी मिलती है. शहीद विनोद बिहारी महतो, निर्मल महतो, सिदो-कान्हू, भगवान बिरसा मुंडा, रामदयाल मुंडा जैसे झारखंड के महापुरुषों के अलावा भाषा आंदोलन, भोक्ता पर्व, बरद खूटा,सरहूल, शिक्षा समेत कृषि कार्य से सबंधित चित्र दीवारों पर उकेर कर महावीर महतो ने लोगों को अचंभित भी किया है और प्रेरित भी.
बीएचयू से फाइन आर्ट्स की डिग्री ली, फिर नौकरी छोड़ छेड़ी मुहिम
चित्रकार महावीर महतो का कहना है, कि झारखंड की सभ्यता संस्कृति विलुप्त होती जा रही है. उसे बचाना है. उन्होंने कहा कि अब तक दर्जनो गांवों में वह चित्रकला के जरिये ऐसी मुहिम चला चुके हैं. 200 से अधिक गांवों हैं से लगातार बुलावा आ रहा है. उनकी सूची तैयार कर वहां भी हो जाएंगे. महावीर महतो ने बीएचयू से फाइन आर्ट्स का कोर्स कंप्लीट किया. एक निजी कंपनी में अच्छे पैकेज पर काम भी कर रहे थे. लेकिन उनके कलाकार मन को संतुष्टि नहीं मिल रही थी. इसीलिए काम छोड़ कर चित्रकारी के जरिये संदेश फैलाना जीवन का उद्देश्य बना लिया. वह तोपचांचीl प्रखंड के अनेक गावों में अपनी कला का जादू बिखेर रहे हैं.
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