44 स्कूलों पर नामांकन में पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप
इस वर्ष जिले के 67 निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों ने नामांकन के लिए फॉर्म भरा था. 23 स्कूलों में नामांकन की शिकायत नहीं है. बचे 44 स्कूलों पर नामांकन में पारदर्शिता नहीं बरते जाने की शिकायत 263 अभिभावकों ने झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से की थी. आयोग ने अलग-अलग 44 बेंच गठित कर ऑनलाइन कागजातों की जांच कर शिकायत निवारण का आदेश डीएसई को दिया था. कागजातों की जांच के लिए शिविर लगाया गया था. शिविर में न ही ऑनलाइन जांच की व्यवस्था थी और न ही अलग-अलग बेंच. अव्यवस्था देखकर अभिभावक आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे.क्या है नामांकन का मामला
44 स्कूलों में बीपीएल बच्चों के नामांकन में पारदर्शिता नहीं बरते जाने की शिकायत अभिभावकों ने झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से की थी. मई महीने में रांची से आए आयोग के सदस्यों ने कंबाइड बिल्डिंग में जन सुनवाई की थी. आयोग में डालसा के भी सदस्य थे. उसी दिन मामले की जांच करने के लिए 9 सदस्यीय टीम गठित की गई. जांच में टीम ने अभिभावकों के आरोप को सही पाकर नामांकन रद्द करते हुए फिर से आवेदन प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था. आदेश की कॉपी निदेशक, शिक्षा परियोजना रांची को भी भेजी गई. उसी आलोक में निदेशक ने डीसई को शिकायत निवारण का आदेश दिया. [caption id="attachment_692486" align="aligncenter" width="225"]alt="" width="225" height="300" /> शिविर में हंगामा करते अभिभावक.[/caption]
जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहे थे डीएसई : मनोज मिश्रा
झारखंड अभिभावक महासंघ के प्रदेश महासचिव मनोज मिश्रा ने पत्रकारों से कहा कि डीएसई ने झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक के आदेश की अवहेलना की है. डीएसई ने शिकायत निवारण के लिए खुद 10 सदस्यीय कमेटी गठित कर पुरानी सूची के आधार पर ही नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी. बाध्य होकर अभिभावकों ने झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के समक्ष आदेश के अवमानना की शिकायत की. आयोग ने डीएसई को रांची स्थित कार्यालय 5 जुलाई को बुलाकर अभिभावकों की शिकायतों का निवारण ऑनलाइन कागजातों की जांच कर करने का आदेश दिया था. आयोग ने अलग-अलग 44 बेंच भी गठित करने का आदेश दिया था. शिविर में न अलग बेंच का गठन किया गया था और न ही कागजातों की ऑनलाइन जांच की जा रही थी. डीएसई जांच के नाम पर महज खानापूर्ति करने आए थे. अव्यवस्था देख अभिभावक आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे.हंगामा करने वाले अभिभावक नहीं, बाहरी लोग : डीएसई
शिविर में हंगामा के बारे में डीएसई ने कहा कि शिविर लगाकर अभिभावकों की शिकायतों का निवारण किया जा रहा था. अचानक कुछ लोग हंगामा करने लगे. हंगामा करने वाले बीपीएल बच्चों के अभिभावक नहीं थे. बाहरी लोग शिविर में घुस आए थे. उनका मकसद सिर्फ हंगामा करना था. यह भी पढ़ें: धनबाद:">https://lagatar.in/dhanbad-entire-brahmin-samaj-organization-staged-protest-against-drm/">धनबाद:डीआरएम के विरोध में सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज संगठन ने दिया धरना [wpse_comments_template]
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