Dhanbad : बीबीएमकेयू कोयलांचल विश्वविद्यालय के पांचवें स्थापना दिवस पर बिनोद बिहारी महतो की तस्वीर पर माल्यार्पण नहीं करने के विरोध में प्रोफेशनल कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ डीके सिंह ने जमकर हंगामा किया. गया. बाद में विश्वविद्यालय प्रशासन ने विनोद बाबू की तस्वीर पर माल्यार्पण तथा पुष्पांजलि अर्पित की.
बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के पांचवें स्थापना दिवस पर बुधवार 23 मार्च को एसएसएलएनटी महिला महाविद्यालय के सभागार में समारोह आयोजित किया गया. समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. उसके बाद प्रभारी कुलपति व बीआईटी सिंदरी के निदेशक प्रोफेसर डीके सिंह, प्रथम स्थायी कुलपति प्रोफेसर अंजनी कुमार श्रीवास्तव और पूर्व प्रभारी कुलपति कमल जॉन लकड़ा को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया.
दिवंगत फिल्मी हस्तियों को भी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया. वर्ष 2022 में दिवंगत तमाम बॉलीवुड हस्तियों को संगीत तथा नृत्य के जरिये श्रद्धांजलि दी गयी, जिसमें लता मंगेशकर, बप्पी लहरी, ऋषि कपूर, सरोज खान, पंडित बिरजू महाराज जैसे व्यक्तित्व शमिल थे. हालांकि जिस विनोद बिहारी महतो के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, उसी की पांचवी वर्षगांठ पर उन्हें भुला दिया गया.
अंत तक माल्यार्पण नहीं होने पर आपा खोय़ा
कार्यक्रम अपने अंतिम चरण पर पहुंच चुका था. यह सारा मंजर प्रोफेशनल कांग्रेस धनबाद के जिला अध्यक्ष डीके सिंह तथा उनके साथ अन्य शिक्षक देख रहे थे. अचानक उनलोगों ने कार्यक्रम के बीच में ही हंगामा शुरू कर दिया. डॉ डीके सिंह ने बताया कि विनोद बिहारी महतो को दूसरे गांधी के रूप में जाना जाता है. उनका उद्देश्य गरीब बच्चियों को शिक्षा ग्रहण कराने का था और उनके आंदोलन पर ही इनके नाम से विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय का गठन हुआ. ऐसे युगपरुष का अपमान किया जा रहा है. जिस बात की खुशी विश्वविद्यालय प्रशासन मना रहा है, उनके गठनकर्ता को ही भूल बैठे. यह अपमान हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
विश्वविद्यालय प्रशासन माफी मांगे : डीके सिंह
डॉ सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुलपति को भी धोखा देने का काम किया है. उन्हें भी सारे कार्यक्रम से अवगत नहीं कराया गया था. विनोद बिहारी बाबू जैसे मसीहा का इस धरती पर अपमान हो, हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को परिणाम भुगतना पड़ेगा, जितना जल्दी हो सके, विश्वविद्यालय प्रशासन माफी मांगे.
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