Nirsa : निरसा (Nirsa) बारिश नहीं होने के कारण जहां किसान वर्ग चिंतित है. मगर हालत यही रही तो कोयलांचल के लोगों को पेयजल के संकट झेलना पड़ सकता है. क्योंकि मैथन एवं पंचेत डैम का जलस्तर तेजी से गिरता जा रहा है. मैथन डैम का जलस्तर एक सप्ताह के अंदर दो फीट घट चुका है. ऐसी स्थिति में लोगों की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है.
क्यों हो रही है ऐसी हालत
पश्चिम बंगाल सरकार के आग्रह और केंद्रीय जल आयोग की अनुशंसा पर डीवीसी ने खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए डैम से पानी छोड़ने की अनुमति दे दी है. पहले दिन शुक्रवार को मैथन डैम से 400 एकड़ फीट व पंचेत डैम से 5900 एकड फीट पानी छोडा गया. डीवीसी को 30 जुलाई तक 70 हजार एकड पानी छोडना है.
एक सप्ताह के अंदर दो फीट गिरा जलस्तर
इधर, बारिश नहीं होने के कारण मैथन डैम का जलस्तर मात्र एक सप्ताह में ही दो फीट और घट गया, जो यहां के लोगों की चिंता बढ़ा रहा है. डीवीसी की ओर से यदि पानी छोड़ने का सिलिसला जारी रहा तो अगले एक हफ्ते में मैथन डैम से जलापूर्ति की स्थिति चिंताजनक हो जाएगी.
दोनों ही डैम के जलस्तर में गिरावट
मैथन डैम का जलस्तर पिछले साल के मुकाबले इस बार 21 फीट कम है और लगातार कमी हो रही है. फिलहाल मैथन डैम का जलस्तर 454.55 फीट पर बना हुआ है, जबकि दो दिन पहले 456 फीट पानी था. पंचेत डैम का जलस्तर 402 फीट बना हुआ है, जबकि एक हफ्ता पूर्व यह 405 फीट था. इस तरह दोनों ही डैम के जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है.
पेयजलापूर्ति में हो सकती है दिक्कत: अपूर्व साहा
डीवीसी मैथन के पीआरओ अपूर्व साहा ने भी माना कि अगर बारिश नहीं हुई तो धनबादवासियों को पेयजलापूर्ति में दिक्कत आ सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए पंचेत की बजाय मैथन डैम से कम मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है. पहले दिन पंचेत से 5900 एकड, फीट जबकि मैथन डैम से 400 एकड़ पानी छोड़ा गया. 29 जुलाई तक दोनों ही डैमों से पानी छोड़ने का सिलसिला जारी रहेगा.
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