Rammurti Pathak
Dhanbad : धनबाद में प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) की पहली बार कार्रवाई से कोयलांचल में अन्य स्तर के कारोबारियों में दहशत का महौल है. सोमवार 5 मई की सुबह प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) पटना और रांची की टीम ने धनबाद के 6 बड़े कारोबारियों के दफ्तर और आवास पर अपनी दबिश दी. ईडी की टीम ने 9 जगहों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान ईडी ने बालू कारोबार से संबंधित कागजात जब्त किये. इसके अलावा बहुत सारा कैश भी बरामद किया गया है. ईडी ने जिन लोगों की काली कमाई की कुंडली खंगाली है, उनके संबंध लालू परिवार से जुड़े बालू के अवैध कारोबारियों से हैं.
बिहार के बाहुबलियों से कारोबारियों का नाता
जानकार सूत्रों के मुताबिक भोजपुर के चर्चित नेता और बिहार विधान परिषद के सदस्य राधा चरण सेठ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबी लोगों में हैं. बालू के अवैध कारबार पर इनके समर्थकों का कब्जा है. राजद के बड़े फाइनेंसर सुभाष यादव को तो बालू किंग ही कहा जाता है. इन दोनों से धनबाद के जगनारायण सिंह की घनिष्ठता ने उन्हें कोयला कारोबार से बालू के व्यापार में उतार दिया. इसी साल फरवरी में राधाचरण सेठ के आरा सहित कई ठिकानों पर आयकर ने छापा मार कर कई दस्तावेज बरामद किए थे. कल की छापामारी को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है. हालांकि 2017 में बिहार के 18 बालू घाट की नीलामी से भी मामला जुड़ा बताया जाता है. धनबाद के लोग बिहार के बाहुबली के साथ मिलकर बालू का कारोबार कर रहे थे.
दो-तीन ठिकानों से नगदी बरामद होने की सूचना
सूचना के अनुसार पटना, छपरा और आरा में बालू खनन का पट्टा मिला था. बालू खनन में भारी अनियमितता के आरोप लगे थे. तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि रोक के बावजूद लालू प्रसाद के करीबी सुभाष यादव और उनके साझेदार बालू घाटों से बालू का उठाव करा रहे हैं. इस मामले में पटना के बिहटा में 2017 में दो एफ आई आर दर्ज की गई थी. ईडी की जांच अभी पूरी नहीं हुई है. किसके यहां से क्या मिला है, यह तो अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन चर्चा के मुताबिक दो-तीन लोगों के ठिकानों से नगदी बरामद होने की सूचना है.
लेखा जोखा रखते हैं आर के पटनिया
इधर ईडी की टीम कुछ भी बताने से इंकार कर रही है. जांच पूरी होने के बाद ही कुछ भी बताने की बात कही जा रही है. वही बैंक मोड़ स्थित सीए आर के पटनिया के कार्यालय में ईडी की टीम को कई दस्तावेज भी मिले हैं. सूत्रों के हवाले से पता चला कि जिन कारोबारियों के यहां ईडी की जांच चल रही है, उनका लेखा जोखा आर के पटनिया ही रखते हैं.