Sindri : सिंदरी (Sindri) सिंदरी के शहरपुरा शिव मंदिर प्रांगण में श्री राम कथा के दूसरे दिन कथा वाचिका डॉ अमृता करुणेश्वरी ने शिव चरित्र का अति सुंदर वर्णन किया. कथा में श्रद्धालुओं ने पार्वती का जन्म, कामदेव दहन, शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया.
कथा में कहा गया कि दक्ष प्रजापति के महायज्ञ में भगवान शिव के अपमान से सीख मिलती है कि किसी का अपमान नहीं करना चाहिए. इससे आयोजन का फल नहीं मिलेगा. बगैर आमंत्रण शिव के मना करने के बावजूद सती का पिता के घर जाने, पति का अपमान देख योगाग्नि में स्वयं को भस्म करने के प्रसंग पर श्रोता भाव विभोर हो गए. सती के अग्नि में भस्म होने के बाद तीनों लोकों को भगवान शिव का कोपभाजन बनना पड़ा. शिव व पार्वती के विवाह का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा विवाह भूतकाल व भविष्य में देखने को नहीं मिलेगा.
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