Ranchi : पेसा कानून (PESA Act) को झारखंड में लागू करने की मांग को लेकर सोमवार को केंद्रीय सरना समिति के नेतृत्व में राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. इस धरने में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए.11 जुलाई को गुमला जिले के लेटा टोली स्थित बाबा कार्तिक उरांव के समाधि स्थल से आदिवासी समुदाय के लोग पैदल यात्रा पर निकले थे, जो तीन दिनों की कठिन यात्रा के बाद राजधानी रांची स्थित राजभवन पहुंचे. उनका उद्देश्य सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाना और पेसा कानून को लागू कराने की मांग को मजबूती से रखना था.
धरने के दौरान वक्ताओं ने कहा कि पेसा कानून लागू होने से आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी. यह कानून भारत सरकार द्वारा 1996 में पारित किया गया था.लेकिन झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में अब तक इसे लागू नहीं किया गया है. वक्ताओं के अनुसार, इस कानून के अभाव में आदिवासी क्षेत्रों में न तो समुचित विकास हो पा रहा है, न ही उनकी सामाजिक और धार्मिक पहचान की रक्षा हो रही है.
ग्राम सभा को मिलेगा अधिकार
सामाजिक कार्यकर्ता निशा भगत ने कहा कि जब तक पेसा कानून को लागू नहीं किया जाता, आदिवासियों को उनका हक और अधिकार नहीं मिल सकता. वर्तमान में आदिवासियों की ज़मीन लगातार छीनी जा रही है, जो चिंता का विषय है.केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि देश के आठ राज्यों में यह कानून लागू है, जहां ग्राम सभाओं को सशक्त बनाया गया है. लेकिन झारखंड में इसकी अनदेखी की जा रही है, जिससे आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गैर-आदिवासी पुरुष आदिवासी लड़कियों से विवाह कर आरक्षण और राजनीतिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं. पेसा कानून लागू होने से ऐसी प्रथाओं पर रोक लगाई जा सकेगी और धार्मिक स्थलों की भी रक्षा हो सकेगी.
'अनुसूचित क्षेत्रों में जमीन लूट'
जगलाल पाहन ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून लागू किया जाना आवश्यक है. इसके अभाव में आदिवासी इलाकों में जमीन की लूट हो रही है और यहां की सामाजिक तथा आर्थिक पहचान समाप्त होती जा रही है.
झारखंड की संपदा से आदिवासी वंचित
धरना में शामिल अमित मुंडा ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर है, लेकिन इसके संसाधनों का लाभ यहां के स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पेसा कानून लागू होने से विकास योजनाओं का क्रियान्वयन ग्राम सभा के माध्यम से होगा, जिससे पारदर्शिता और जनसहभागिता सुनिश्चित होगी.इस अवसर पर बबलू मुंडा, अमित मुंडा, अशोक मुंडा, बिरसा पाहन, अरुण पाहन, धनसिंह मुंडा, जगलाल पाहन, खुशबू नायक, ऐंजल लकड़ा सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और सरना समिति के सदस्य उपस्थित थे.