Mumbai : फिल्म आदिपुरुष के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला ने आज रविवार को कहा कि फिल्म के निर्माताओं ने कुछ संवादों को संशोधित करने का फैसला किया है. बता दें कि रिलीज के बाद से ही फिल्म के आपत्तिजनक संवादों को लेकर सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना हो रही है. फिल्म के संवाद लेखक शुक्ला ने कहा कि इस सप्ताह तक संशोधित पंक्तियों को फिल्म में जोड़ दिया जायेगा.
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रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना.
सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है.
आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं.
उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान…— Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) June 18, 2023
आपकी भावना से बढ़ कर और कुछ नहीं है
शुक्ला ने ट्विटर पर लिखा, मेरे लिए आपकी भावना से बढ़ कर और कुछ नहीं है. मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूं, लेकिन इससे आपकी पीड़ा कम नहीं होगी. मैंने और फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे, और इसी सप्ताह वो फिल्म में शामिल किये जायेंगे. आदिपुरुष शुक्रवार को देशभर में हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और तमिल भाषाओं में रिलीज हुई. फिल्म में प्रभास भगवान राम, कृति सेनन माता सीता और सैफ अली खान लंकापति रावण की भूमिका में हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स शुक्ला की आलोचना कर रहे हैं
ओम राउत द्वारा निर्देशित और टी-सीरीज द्वारा निर्मित बड़े बजट वाले इस फिल्म के खराब वीएफएक्स और संवादों को लेकर सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना हो रही है. फिल्म में लंका दहन के एक दृश्य में भगवान हनुमान के संवादों को लेकर भी सोशल मीडिया यूजर्स शुक्ला की आलोचना कर रहे हैं. अभिनेता देवदत्त नाग ने फिल्म में बजरंगबली (हनुमान) का किरदार निभाया है. शुक्ला ने ट्विटर पर जारी बयान में लिखा, ‘हो सकता है, तीन घंटे की फिल्म में मैंने तीन मिनट के लिए आपकी कल्पना से कुछ अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाजी क्यों की.
मुझे दर्शकों से कोई शिकायत नहीं है
उन्होंने कहा कि रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना. उन्होंने कहा कि सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है. शुक्ला ने कहा कि आदिपुरुष में 4000 से भी ज्यादा पंक्तियों के संवाद उन्होंने लिखे जिनमें से पांच पंक्तियों पर कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं. उन्होंने कहा कि उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां श्री राम का यशगान किया और मां सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं. फिल्म साइना में सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता शुक्ला ने कहा कि उन्हें दर्शकों से कोई शिकायत नहीं है.
हम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गये तो सनातन हार जायेगा
उन्होंने आगे कहा, हम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गये तो सनातन हार जायेगा. हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनायी है जिसे आप लोग भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है कि आगे भी इसे देखेंगे. शुक्ला के बयान के बाद फिल्म निर्माता कंपनी टी-सीरीज ने कहा कि टीम नेलोगों की भावनाओं को देखते हुए आदिपुरुष के संवादों में बदलाव करने का फैसला किया है. कंपनी ने एक अलग बयान में कहा, आदिपुरुष को दुनिया भर में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है. यह फिल्म सभी उम्र के दर्शकों का दिल जीत रही है. फिल्म के दृश्य को यादगार बनाने के लिए टीम ने फिल्म के संवादों में बदलाव करने का फैसला किया.
नये संवाद अगले कुछ दिनों में सिनेमाघरों में सुनाई देंगे
लोगों की भावनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. टी-सीरीज ने कहा कि निर्माता उक्त संवादों पर फिर से विचार कर रहे हैं, जो फिल्म के मूल सार के साथ प्रतिध्वनित होगा. नये संवाद अगले कुछ दिनों में सिनेमाघरों में सुनाई देंगे. कंपनी ने आगे कहा, यह फैसला इस बात का प्रमाण है कि अच्छी कमाई के बावजूद फिल्म की टीम के लिये दर्शकों की भावनाओं और बड़े पैमाने पर सद्वाव से परे कुछ भी नहीं है. निर्माता कंपनी ने दावा किया कि 500 करोड़ रुपये के कथित बजट पर आधारित फिल्म ने दो दिनों में 240 करोड़ रुपये की कमाई की है.
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