Ranchi : राजधानी का सदर अस्पताल गरीबों के लिए वरदान साबित हो रहा है. सदर अस्पताल के पुराने बिल्डिंग में बने डायलिसिस सेंटर की स्थापना 24 अगस्त 2020 को हुई थी. पीपीपी मॉडल पर संचालित इस सेंटर के संचालन का जिम्मा एसकैग संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है. डायलिसिस सेंटर की शुरु होने के बाद से अभी तक 2500 लोगों ने अपना डायलिसिस करवाया है. औसतन 450 लोगों का डायलिसिस प्रतिमाह किया जाता है.
पिछले तीन महीने 1700 लोगों का किया गया डायलिसिस
सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में कार्यरत टेक्नीशियन सबा अंसारी ने कहा कि कोरोना काल में मरीजों का डायलिसिस करना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती का काम था. पिछले 3 महीने के दौरान करीब 1700 लोगों का सफलतापूर्वक डायलिसिस सेंटर पर किया गया है. अब तक 45 कोरोना संक्रमितों का भी डायलिसिस किया गया है. कोरोना काल में ना हमलोग डरे और ना ही मरीजों को डरने दिया. जिसका परिणाम है कि हर रोज लगभग 20 लोग यहां डायलिसिस के लिए आ रहे हैं.
खुद का बचाव करते हुए बचाई मरीजों की जान
डायलिसिस सेंटर के इंचार्ज शमीम आलम ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के डायलिसिस के लिए हम लोग उन्हें रात में बुलाते थे. उनके शारीरिक जांच (प्लस, ऑक्सीजन सैचुरेशन) देखने के बाद भी पीपीई किट पहनकर पूरी टीम मिलकर काम किया है. खुद का बचाव करते हुए मरीजों की जान बचाई है.
डायलिसिस सेंटर में लगे है 6 मशीन, 2 और मशीन किया जाएगा इंस्टाल
एसकैग संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड के स्टेट सप्लाई मैनेजर दीपक कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान में यहां डायलिसिस के लिए 6 बेड की व्यवस्था है. दो और मशीन पहुंच चुका है. जिसे जल्द ही इंस्टाल किया जाएगा. सदर अस्पताल में अधिकतम डायलिसिस के लिए 15 बेड की व्यवस्था करने की योजना है.
सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में 10 लोगों की टीम
सदर अस्पताल की इस डायलिसिस सेंटर में कुल 10 लोगों की टीम है. इनमें चार टेक्नीशियन, कोऑर्डिनेटर, नर्स और अन्य लोग शामिल है,
इनके लिए फ्री में डायलिसिस की सुविधा
बीपीएल सूची में आने वाले लोगों के साथ आयुष्मान भारत योजना के गोल्डेन कार्डधारक और जिनका आए 72 हजार से कम है उनका डायलिसिस इस केंद्र पर निशुल्क किया जाता है. जबकि अन्य लोग 1206 रुपए चुका कर सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर पर डायलिसिस करवा सकते हैं.