इसे भी पढ़ें : सुबह">https://lagatar.in/morning-news-diary-27-march-2022/">सुबह11 वर्ष पुराने प्रकरण में जिसमें मेरा नाम FIR में भी नहीं था राजनीतिक दबाव में बाद में जोड़ा गया, मुझे सज़ा दी गई। मैं अहिंसा वादी व्यक्ति हूँ हिंसक गतिविधियों का सदैव विरोध करता रहा हूँ। १/२
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March">https://twitter.com/digvijaya_28/status/1507737571614461953?ref_src=twsrc%5Etfw">March
26, 2022
की न्यूज डायरी।।27 MAR।।वेब पोर्टल से सीएम की नाराजगी की वजह।।मुठभेड़ में TPC के 3 उग्रवादी ढेर।।नामकुम में जमीन का खेल।।सितंबर तक बढ़ी गरीब अन्न कल्याण योजना।।समेत कई खबरें और वीडियो
छह दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना
साथ ही अदालत ने सभी छह दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. हालांकि दिग्विजय ने इसे झूठा मामला बताते कहा है कि वे हाई कोर्ट में अपील करेंगे. अदालत ने मामले के तीन अन्य आरोपियों- उज्जैन जिले के तराना क्षेत्र के कांग्रेस विधायक महेश परमार, मुकेश भाटी और हेमंत चौहान को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. बाद में विशेष न्यायाधीश ने दिग्विजय समेत सभी छह दोषियों की अपील पर उनकी सजा पर फौरी रोक लगा दी और उन्हें 25,000-25,000 रुपये की जमानत पर रिहा कर दिया. बता दें कि विशेष न्यायाधीश मुकेश नाथ ने दिग्विजय और उज्जैन के पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद गुड्डू को भारतीय आईपीसी की धारा 325 (जान-बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) और धारा 109 (दूसरे लोगों को मारपीट के लिए उकसाना) के तहत दोषी ठहराया है. चार अन्य व्यक्तियों-अनंत नारायण, जय सिंह दरबार, असलम लाला और दिलीप चौधरी को धारा 325 के तहत दोषी करार दिया गया. इसे भी पढ़ें : नेपाल">https://lagatar.in/nepals-prime-minister-will-visit-india-next-month-will-meet-modi-on-april-2/">नेपालके प्रधानमंत्री अगले माह भारत दौरे पर आएंगे, दो अप्रैल को होगी मोदी से मुलाकात

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