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बिजली निगम का अजीब खेलः डिप्लोमाधारी बन गए DGM, बीआइटी, एमआइटी से डिग्रीधारी इंजीनियर साइडलाइन

Ranchi: बिजली निगम में बीआइटी, बीआइटी सिंदरी, एमआइटी भागलपुर और एमआइटी वारंगल से डिग्रीधारी इंजीनियर दरकिनार हो गए हैं. जबकि डिप्लोमाधारी और कोरसपोंडंस कोर्स किए इंजीनियरों को डीजीएम रैंक में पदस्थापित किया गया है. ऐसे 12 डिप्लोमाधारी इंजीनियर हैं, जिन्हें रांची, जमशेदपुर, देवघर, हजारीबाग और साहेबगंज में डीजीएम रैंक में पदस्थापित किया गया है. जबकि 18 डायरेक्ट इंजीनियर ऐसे हैं जिनको प्रोन्नति नहीं दी गई है. जबकि ये सभी इंजीनिचयर प्रोन्नति पाने कीम अर्हता भी रखते हैं. अदालत ने भी इस मामले में क्लीन चिट दे दी है. लेकिन डीपीसी में भी नवसृजित पदों में अपने चहेतों का नाम शामिल कर दिया गया है.

64 पदों का किया गया है सृजन

बिजली बोर्ड में 64 नए पदों का सृजन किया गया है. जिसमें कार्यकारी निदेशक के तीन पद, जीएम तकनीक के 11, जीएम (सीजीआरएफ) के 11, डीजीएम तकनीक के 19, डीजीएम (सीजीआरएफ) के 19 और डीजीएम एचआर के दो पद सृजित किए गए हैं. इस सभी पदों के लिए डीपीसी होनी है. लेकिन डीपीसी से पहले ही पद के लिए जबरदस्त लॉबिंग शुरू हो गई है. इसे भी पढ़ें – मल्लिकार्जुन">https://lagatar.in/mallikarjun-kharges-allegation-modi-government-snatched-scholarships-from-sc-st-and-minority-groups/">मल्लिकार्जुन

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