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सहनशक्ति टेस्ट के नाम पर छात्राओं के साथ छेड़खानी करने वाला एनजीओ का निदेशक गिरफ्तार

Khunti : सहनशक्ति टेस्ट के नाम पर आदिवासी छात्राओं के साथ छेड़खानी">https://lagatar.in/legislator-inspected-mmch-in-medininagar-furious-over-negligence/37229/">छेड़खानी

करने वाला एनजीओ नर्सिंग इंस्टीट्यूट के निदेशक परवेज आलम उर्फ बबलू को पुलिस ने गिरफ्तार">https://lagatar.in/weather-took-a-beating-in-jharkhand-cold-returned-due-to-heavy-rain/37220/">गिरफ्तार

कर लिया है. गौरतलब है कि सहनशक्ति टेस्ट के नाम पर छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला सामने आने के बाद खूंटी डीसी द्वारा बीडीओ के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया था. जांच टीम के द्वारा नर्सिंग प्रशिक्षण देने वाले एनजीओ के ऑफिस में जाकर जांच की गई और प्रशिक्षण प्राप्त कर रही छात्राओं से गुप्त रूप से घटना के बारे में जानकारी ली गई. इसे भी पढ़ें : मेदिनीनगर">https://lagatar.in/legislator-inspected-mmch-in-medininagar-furious-over-negligence/37229/">मेदिनीनगर

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गिरफ्तार आरोपी रांची का रहने वाला

जानकारी में आए तथ्यों के आधार पर बीडीओ द्वारा महिला थाना में एनजीओ के निदेशक परवेज आलम उर्फ बबलू के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एनजीओ निदेशक परवेज आलम उर्फ बबलू को गिरफ्तार कर लिया और आगे की कार्रवाई की जा रही है. परवेज आलम मूल रूप से रांची के कडरू का रहने वाला है.

40 आदिवासी छात्राओं के साथ हुई थी छेड़खानी

सहनशक्ति टेस्ट के नाम पर आदिवासी छात्राओं के साथ छेड़खानी का मामला सामने आया था. यह मामला जिले के तिरला थाना क्षेत्र का है. तिरला में नसिंग इंस्टीट्यूट एनजीओ में 40 आदिवासी छात्राओं के साथ वहीं के निदेशक बबलू उर्फ ​​परवेज आलम द्वारा सहनशीलता टेस्ट के नाम पर शारीरिक शोषण का शिकार बनाने की शिकायत मिली थी. मामला समाजसेवी के माध्यम से पुलिस प्रशासन तक पहुंचा था.

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार बीडीओ और समाजसेविका लक्ष्मी बाखला को 9 मार्च को छात्राओं ने फोन पर मामले की जानकारी दी थी. छात्राओं ने बताया कि बबलू ने सहनशीलता टेस्ट के नाम पर उनका शारीरिक शोषण किया है. बताया जा रहा है कि आधी छात्राएं डरी हुईं हैं. इसलिए मामले की जानकारी नहीं दे पा रही थी. इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई जांच टीम ने पूरे मामले का पता लगाने के लिए खूंटी महिला थाना प्रभारी और बीडीओ को जिम्मेदारी सौंपी. मामले की सच्चाई की जांच में जुटी महिला पदाधिकारियों ने एनजीओ में कार्यरत महिला शिक्षिकाओं से प्रारंभिक जांच में महिला शिक्षकों ने जांच टीम को बताया कि यहां ऐसा कोई टेस्ट नहीं है. इस तरह की घटना की जानकारी उन्हें नहीं है. वर्तमान में जांच टीम ने छात्राओं से बयान लिया गया था. इसे भी पढ़ें : खूंटी">https://lagatar.in/40-tribal-girls-in-khunti-tampering-in-the-name-of-endurance-test-order-of-investigation/37210/">खूंटी

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