Ranchi : आयुष्मान योजना में अस्पतालों के भुगातान से पहले 10 प्रतिशत की दर से कमीशन की वसूली होती है. थर्ड पार्टी असेसमेंट के कर्मचारी दयाशंकर चौधरी द्वारा कमीशन की मांग से संबंधित एक वीडियो वायरल हुआ है. कमीशन की मांग करने वाले कर्मचारी की मूल कंपनी के मालिक को पिछले दिनों भ्रष्टाचार के आरोप में पांच साल की सजा हुई है.
आयुष्मान भारत योजना में अस्पतालों को भुगतान से पहले उसके दावों की जांच के लिए थर्ड पार्टी असेसमेंट का प्रावधान है. थर्ड पार्टी असेसमेंट का काम दो कंपनियां करती हैं. इसमें से एक कंपनी का नाम सेफवे टीपीए है. यह मूल कंपनी सेफवे इंश्यूरेंस ब्रोकरेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की एक इकाई है. सेफवे इंश्योरेंस प्रोकरेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक इंद्रजोत सिंह है. इन्हें अहमदाबाद स्थित सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत द्वारा जनता एक्सिडेंटल पॉलिसी से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में 26 फरवरी को पांच साल की सजा सुनायी गयी है. इंद्रजोत से साथ सजा पाने वालों में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के अहमदाबाद यूनिट के पूर्व डिविजनल मैनेजर मधुसूदन पटेल सहित पांच लोगों को सजा हुई है और 5.91करोड़ रुपये का अर्थ दंड लगा है.
रांची में थर्ड पार्टी असेसमेंट का काम करने वाली कंपनी की निदेशक इंद्रजोत सिंह की पत्नी है. इंद्रजोत सिंह की पत्नी की कंपनी राज्य में आयुष्मान भारत योजना के दावों का भुगतान के पहले उसकी जांच करती है. दावों की जांच के क्रम में कंपनी के कर्मचारी दयाशंकर चौधरी एक अस्पताल से संबंधित व्यक्ति से कमीशन की मांग कर रहे हैं. इससे संबंधित वीडियो में वह कह रहा है कि पहले का 2.80 लाख है. इसके बाद का 5.35 है. आपका 10.50 लाख रुपये जाने वाला है.
इन आकंड़ों को बताने से पहले वह कैलकुलेटर पर हिसाब करते हुए यह कहता है कि इतना होता है.चौधरी कैलकुलेटर पर हिसाब कर 1.96 लाख के आंकड़ों अस्पताल से संबंधित व्यक्ति को दे रहा है. दयाशंकर चौधरी राज्य के कई जिलों में पदस्थापित रहा है. फिलहाल वह गिरिडीह में पदस्थापित है. उसने गुमला में एक अस्पताल भी खोल रखा है. अस्पताल का नाम साहू नर्सिंग होम है.