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संविधान पर चर्चा : अखिलेश ने कहा, 20 करोड़ अल्प्संख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास हो रहा है

पुलिस  अफसर ने महिलाओं को पिस्टल दिखाकर वोट देने जाने से मना किया. ये व्य वस्था लोकतंत्र में तानाशाही का उदाहरण है. हमारी सरकार भी हिटलर के रास्तेापर चल रही है.

NewDelhi : लोकसभा में संविधान पर चर्चा के क्रम में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सबसे पहले संसद हमले की बरसी पर शहीद सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धाजंलि दी. उन्होंने लोकसभा में  बैठे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने चीन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब मानसरोवर यात्रा के लिए हमें उस देश(चीन) से परमिशन लेनी पड़ेगी. अखिलेश जब ये बातें बोल रहे थे तब राजनाथ सिंह मुस्कुराते नजर आये.  

हमारी सरकार हिटलर के रास्ते पर  चल रही है

अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी सरकार कहती है कि भारत देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्ययवस्था बनने की ओर अग्रसर है. दूसरी ओर, देश में 82 प्रतिशत लोग सरकारी राशन लेते हैं. सरकार को बताना चाहिए कि हमारे देश में प्रति व्यक्ति इनकम कितनी है. आरोप लगाया कि देश के 20 करोड़ अल्पसंख्यिकों विशेषकर मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है. उनके घर लूटे जा रहे हैं. साथ ही कहा कि पिछले दिनों उपचुनाव( यूपी) के दौरान बहुत सारे लोगों को जब वे वोट डालने जा रहे थे. यूपी सरकार के इशारे पर पुलिस के एक अफसर ने महिलाओं को पिस्टल दिखाकर वोट देने जाने से मना किया. ये व्यवस्था लोकतंत्र में तानाशाही का उदाहरण है. हमारी सरकार भी हिटलर के रास्ते पर  चल रही है.

सपा अध्यक्ष ने कहा, अग्निवीर की समस्या पहले की तरह ही बनी हुई है.

सपा अध्यक्ष ने कहा कि अग्निवीर की समस्या पहले की तरह ही बनी हुई है. हम लोग इस व्य्वस्था को कभी नहीं स्वीकार करेंगे. पहले जैसी सेना भर्ती की व्यवस्था की जाए तभी देश की सीमाएं सुरक्षित रहेंगी. आजादी का अमृतकाल सिर्फ एक जुमला है. संविधान बचेगा तो न्यााय बचेगा. लोकसभा चुनाव में सत्ता पक्ष के कई नेता दावा करते थे कि 400 पार सीटें आयी तो संविधान बदल देंगे लेकिन यूपी की जनता ने इनको जवाब दे दिया

इस समय नौकरियों का अकाल हो गया है.

जाति जनगणना पर अखिलेश यादव ने कहा कि अगर भाजपा सरकार कराना चाहे तो करा ले नहीं तो हम लोगों को जब कभी भी मौका मिलेगा हम जाति जनगणना जरूर कराएंगे. इस समय नौकरियों का अकाल हो गया है. मांग की कि शिक्षा मंत्री सेंट्रल यूनिवर्सिटियों में जिन प्रोफेसरों को नियुक्तं किया है उनकी लिस्ट जारी करें. ये सरकार समाज के सिर्फ 10 फीसदी लोगों को ध्यान रखती है. 90 प्रतिशत समाज को अधिकार नहीं मिल रहा है. फर्जी मुठभेड़ में और जेल में हत्या्एं लगातार हो रही हैं. ईडी और सीबीआई की जांच बगैर एफआईआर की जा रही है. जैसे हालात इस समय उत्तर प्रदेश में हैं वैसे कभी नहीं थे. यहां खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ रही हैं.      
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