New Delhi : कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आज मंगलवार को लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा पर शुरुआत की. उन्होंने लोकतंत्र का विश्लेषण करते हुए कहा कि देश के 98 करोड़ मतदाता और राजनीतिक दल इसके सबसे बड़े भागीदार हैं.
"EC has no legal right to conduct SIR": Congress MP Manish Tewari
— ANI Digital (@ani_digital) December 9, 2025
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मनीष तिवारी ने कहा चुनाव आयोग का गठन एक न्यूट्रल अंपायर के तौर पर किया गया. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम राजीव गांधी ने सबसे बड़ा चुनाव सुधार किया. उन्होंने 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वोटिंग का अधिकार दिया.
मनीष तिवारी ने आज फिर से चुनाव सुधार की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर आज प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है. उन्होंने मांग की कि चुनाव आयुक्त की नियुक्त करने वाली कमेटी में दो लोग सरकार से, दो लोग विपक्ष से रहने चाहिए. इसके अलावा सीजेआई को भी रखा जाना चाहिए. ऐसा करने पर ठीक से चुनाव हो सकते हैं.
मनीष तिवारी ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता के मन में शंका घर कर गयी है कि क्या ईवीएम मैनुपुलेट किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस शंका को दूर करने के लिए या तो सौ फीसदी वीवीपैट हों या पेपर बैलट से चुनाव कराये जाये.
श्री तिवारी ने कहा, सरकार बताये कि ईवीएम का सोर्स कोड किसके पास है. चुनाव आयोग के पास है या उन कंपनियों के पास है, जो मशीन मुहैया कराती हैं, मनीष तिवारी ने एसआईआर को लेकर कहा, चुनाव आयोग के पास कानूनी तौर पर एसआईआर कराने का कोई अधिकार नहीं है.
मनीष तिवारी ने चुनाव आयोग की इस बात तो गलत ठहराया कि आयोग को एसआईआर कराने का अधिकार सेक्शन 21 के तहत मिला हुआ है. मनीष तिवारी ने इस सेक्शन पढ़ते हुए और कहा कि ना संविधान में, ना कानून में एसआईआर का प्रावधान है.
हालांकि मनीष तिवारी ने कहा कि अगर किसी क्षेत्र में वोटर लिस्ट गड़बड़ है, तो उसे ठीक करने के लिए लिखित में कारण बताकर ही एसआईआर किया जा सकता है.
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