Ranchi: बिहार के व्यंजनों पर पत्रकार रवि शंकर उपाध्याय की लिखी हुई पुस्तक ‘ बिहार के व्यंजन संस्कृति और इतिहास ‘ पर रांची प्रेस क्लब में परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस परिचर्चा में कई लेखक, पत्रकार और बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया. पुस्तक के लेखक रविशंकर उपाध्याय ने बताया कि कई सालों से पत्रकारिता के दौरान उन्होंने खानपान पर कई आलेख और रिपोर्ट लिखे. और उसका संकलन करने का विचार उनके मन में आया तो इसके लिए उन्होंने और अध्ययन किया और बिहार के व्यंजनों पर यह पुस्तक सामने आ पाई. उनका कहना है की वैदिक काल से भोजन पर काफी कुछ लिखा गया है. पाणिनि से लेकर पतंजलि ने इस विषय पर काफी कुछ लिखा है. बिहार में व्यंजनों का एक अपना महत्व है. इसकी एक समृद्ध विरासत भी रही है. दही चूड़ा से लेकर अनरसा, खाजा, तिलकुट और खुरचन तक यहां की विशेषता है. लिट्टी चोखा से पूरी दुनिया में बिहार की पहचान है. बिहार के 5 व्यंजनों को जीआई टैग भी मिल गया है. इस किताब में बिहार के अलग-अलग हिस्सों के व्यंजनों के बारे में जानकारी दी गई है.
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“झारखंड के पारंपरिक और लोकप्रिय व्यंजनों पर होगी अगली पुस्तक”
परिचर्चा में शामिल वरिष्ठ पत्रकार विजय पाठक ने कहा की इस पुस्तक के लिए रविशंकर बधाई के पात्र हैं, उन्होंने रविशंकर से पर्यटन पर भी पुस्तक लिखने की सलाह दी. पत्रकार विजय मूर्ति ने भी इस पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि इसमें शोध नजर आ रहा है और इनकी मेहनत दिख रही है. परिचर्चा के दौरान निराला विदेशिया ने रविशंकर के साथ संवाद किया और प्रश्न उत्तर भी हुआ. रवि शंकर उपाध्याय ने कहा कि उनकी अगली पुस्तक झारखंड के पारंपरिक और लोकप्रिय व्यंजनों पर होगी. परिचर्चा में संजय कृष्ण,पंडित सतीश शर्मा, अखिलेश सिंह, अनिमेष नचिकेता समेत कई लोगों ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम का संचालन शहरोज कमर ने किया.
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