Ranchi : देश में एक जुलाई से तीन नये आपराधिक कानून (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम) लागू होने वाले हैं. रांची के जज कॉलोनी स्थित मल्टी पर्पस हॉल में झारखंड न्यायिक एकादेमी के दिशा-निर्देश पर आज बैठक कर इन तीनों आपराधिक कानून पर गहन चर्चा की गयी. इस बैठक की अध्यक्षता रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त दिवाकर पांडे ने की. बैठक में उपस्थित सभी न्यायिक पदाधिकारियों को 10 अलग-अलग समूहों में बांटा गया था और सभी को नये कानून से संबंधित एक-एक खंड दिया गया था. जिस पर न्यायिक पदाधिकारियों ने गहन मंथन किया और उक्त विषय पर अपने-अपने मंतव्य देकर एक-दूसरे से जानकारी साझा की. इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय के दो महत्वपूर्ण निर्णयों पर भी चर्चा की गयी, जिनमें टरसेम लाल बनाम डायरेक्टोरेट इंफोरर्समेंट और जलंधर जोनल ऑफिसर व बाबू साहेबागौड़ा बनाम स्टेट ऑफ कर्नाटक है. अभियुक्तों के कोर्ट में बेल एवं उनकी उपस्थिति से संबंधित प्रावधानों पर चर्चा की गयी. न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय ने भी न्यायिक पदाधिकारियों को नये आपराधिक कानून के बदले हुए प्रवधानों के बारे में विस्तार से बताया. इस दौरान रांची सिविल कोर्ट के सभी माननीय न्यायिक पदाधिकारियों के साथ-साथ विधि के छात्र-छात्राएं और न्यायालयकर्मी उपस्थित रहे.