Ranchi : दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने झारखंड के कई दिग्गज नेताओं को राजनीति में बहने वाले बयारों को सिखाया. अपनी पाठशाला में राजनीति का कहकरा सिखाया. जिसमें अर्जुन मुंडा, शैलेंद्र महतो, विद्युत वरण महतो, सुनील महतो, स्टीफन मरांडी, साइमन मरांडी, हेमलाल मुर्मू और चंपाई सोरेन दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं.
शैलेंद्र महतो का एक सफल राजनीतिक करियर
शैलेंद्र महतो को शिबू सोरेन की पहल पर झामुमो में केंद्रीय महासचिव बनाया गया था. उन्होंने झामुमो की टिकट पर जमशेदपुर से लोकसभा चुनाव जीते, लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए.
झामुमो से अर्जुन मुंडा ने की राजनीतिक करियर की शुरूआत
अर्जुन मुंडा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा से अपनी राजनीतिक करियर की शुरूआत की. बाद में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली और तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. केंद्र सरकार में मंत्री के रूप में भी कार्य किया.
झामुमो से ही विद्युत वरण महतो की बनी पहचान
झामुमो से ही विद्युत वरण महतो की पहचान बनी. वे सिंहभूम के मजबूत झामुमो नेता माने जाते हैं. उन्होंने 2014 में झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और जमशेदपुर से सांसद बने.
स्टीफन मरांडी को झामुमो में ही शरण मिली
संताल के दिग्गज नेता प्रो स्टीफन मरांडी को आखिरकार झामुमो में ही शरण मिली. स्टीफन मरांडी कई बार झामुमो के विधायक रहे और उन्होंने हेमंत सोरेन के खिलाफ भी चुनाव लड़ा. बाद में वे कांग्रेस और जेवीएम में शामिल हो गए, लेकिन अंत में फिर झामुमो में लौट आए.
हेमलाल मुर्मू ने झामुमो से ही की वापसी
हेमलाल मुर्मू संथाल के कद्दावर नेता हैं और उन्होंने झामुमो की टिकट पर कई बार चुनाव जीते. बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन अंत में फिर झामुमो में लौट आए.
चंपाई सोरेन को भी झामुमो से ही मिली पहचान
चंपाई सोरेन झामुमो के कद्दावर नेता थे और हेमंत सोरेन के करीबी सहयोगी रहे . मंत्री सहित मुख्यमंत्री का भी कार्यभार संभाला. बाद में उन्होंने झामुमो छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया.
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