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60 करोड़ की बेईमानी

शुभम संदेश एक्सक्लूसिव-5
अफसरों की मिलीभगत, अवैध कब्जाधारियों ने हड़पी करोड़ों की सरकारी जमीन
  • सीओ की कुर्सी एक, कार्रवाई अलग-अलग
  • एक ने दिया नोटिस, दूसरे ने बंद की कार्रवाई
  • खुद को बचाने के लिए अफसर कर रहे कागजी खानापूर्ति
Pravin Kumar/ Amit Singh Ranchi : बसुआ मौजा की गैर मजूरुआ खाता सं 24 के दाग नं 32 की 169 बीघा जमीन. किस्म परती कदिम है. भू-माफिया ने इस करोड़ों की सरकारी जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर और अंचल के अफसरों-कर्मियों की संठगाठ से अपने नाम करा ली. सादा हुकुमनामा से जमीन की बंदोबस्ती कराने की जानकारी सरकार को भी है. अफसर खुद को बचाने के लिए कार्रवाई के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर रहे हैं. फर्जी तरीके से कराई गई इस जमाबंदी को रद्द करने और जमीन को खाली कराने का साहस सिस्टम नहीं कर पा रहा है. अब दर्जनों भू-माफिया ने सरकारी जमीन पर ही करोड़ों रुपए का मुआवजा भी हड़प लिया है.

ईसीएल ने जमीन अधिग्रहीत की, तो लिया मुआवजा भी

ईसीएल ने जमीन का अधिग्रहण किया है. उस क्षेत्र में अवैध जमाबंदी करानेवालों ने ईसीएल से अबतक 60 करोड़ से ज्यादा मुआवजा ले लिया है. सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी कराने और मुआवजा लूटनेवालों में टिबड़ेवाल परिवार का नाम सबसे ऊपर है. जांच में सबकुछ साफ हो गया है. जिला प्रशासन के आला अफसर जान भी गए हैं कि सरकारी जमीन हड़पने के इस खेल में कोई बचनेवाला नहीं है. तभी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पूरे मामले की विस्तृत जांच कराई गई, तो सरकारी जमीन हड़पने का बड़ा खुलासा होगा. अफसर भू-खंड को लेकर कार्रवाई के नाम पर नोटिस-नोटिस खेल रहे हैं.

सरकारी पशु अस्पताल भी हड़प लिया

मामले में राजनेताओं ने चुप्पी साध ली है. इससे भू- माफिया का मनोबल सातवें असमान पर है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकारी पशु अस्पताल भी भू-माफिया ने हड़प लिया है. पशु अस्पताल वाली जमीन पर निर्माण कार्य भी हो गया है.

मौजा की अधिकांश जमीन टिबड़ेवाल परिवार के नाम

मौजा की सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी का ही यह पूरा मामला नहीं है. इस जमीन के कुछ भाग के एवज में ईसीएल से मुआवजा भी प्राप्त कर लिया गया है. मुआवजा प्राप्त करने वालों में टिबड़ेवाल परिवार भी शामिल है. सरकारी जांच रिपोर्ट के अनुसार, महगामा के बसुआ मौजा सहित कई मौजा में टिबड़ेवाला परिवार का नाम सामने आया है. इस टिबड़ेवाल परिवार के नाम पर ही अधिकांश जमीन की अवैध जमाबंदी की गई है. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध जमाबंदी करानेवाले टिबड़ेवाला परिवार ने सरकारी जमीन हड़पने के लिए कागजी खेल किया है. अब इस पूरे खेल पर राजनेताओं के संरक्षण में लीपापोती की कोशिश की जा रही है. सरकारी कार्यालय से दस्तावेज भी गायब हो रहे हैं.

अवैध कब्जा धारियों को पहला नोटिस सीओ उदय कुमार ने किया था जारी

बसुआ मौजा के इस परती कदिम जमीन पर अवैध कब्जा धारियों पर सबसे पहले प्रभारी अंचलाधिकारी उदय कुमार ने नोटिस जारी किया था. लेकिन उनके स्थातंरण के बाद देवाशीष टोप्पो सभी रेकार्ड पर यह लिखते हुए कार्यवाही बंद कर दी की यह जमीन ईसीएल में चली गई है. जबकि ऐसा कुछ नहीं है. सरकारी दस्तावेज ही ऐसा बता रहे हैं. मगर सीओ देवाशीष टोप्पो ने सबकुछ जानते हुए भी कार्रवाई बंद कर दी, यह अपने आप में जांच का विषय है. सीओ ने कार्रवाई बंद करने के लिए सरकार को गलत जानकारी दी, यह जानते हुए भी वरीय अफसर खामोश रहने में ही अपना फायदा देख रहे हैं. ईसीएल को जमीन जाती, तो पंजी 2 में इस बात का उल्लेख रहता. पंजी में बताया जाता कि जमीन ईसीएल में कब और किसके आदेश से गई है. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. जिससे साफ जाहिर होता कि अवैध कब्जा धारियों को बचाया गया है. इस सिस्टम में शामिल अफसर अब खुद को पाक साफ दिखाने के लिए नोटिस नोटिस का खेल जारी रखे हुए हैं.

फर्जी और काल्पनिक केस नंबर दर्ज कर हड़प ली जमीन

महागामा के परसंडा स्टेट के जमींदार बाबू द्वारिका प्रसाद ढांढनिया, बाबू बंशीधर ढांढनिया, बाबू छोटेलाल ढांढनिया आदि थे. कुछ मौजा में यह परिवार रैयत भी है. जानकारी के अनुसार, वह उनकी निजी जमीन है. लेकिन इस जमींदार परिवार में बाबू वंशीधर ढांढनिया को राय बहादुर की उपाधि प्राप्त थी. जिसके आधार पर वे हुकुमनामा जारी किया करते थे. कानूनी रूप से उस हुकुमनामा का एप्रूवल एसडीओ से कराना जरूरी था, लेकिन ऐसा किसी भी मामले में नहीं हुआ है. फर्जी व काल्पनिक केस नंबर दर्ज कर पंजी 2 संधारित कर दी गई.

जमीदार का वंशज होने का दावा किया राम अवतार राम के वंशज ने

मिली जानकारी के अनुसार कैलाश टिबड़ेवाल, श्याम सुंदर राम, बालकृष्ण टिबड़ेवाल, दीपक टिबड़ेवाल, दिलीप टिबड़ेवाल रामअवतार राम के वंशज हैं. जो ढांढनिया परिवार के मुंशी हुआ करते थे. जमींदारी उन्मूलन के बाद जब ढांढनिया परिवार बिखर गया, तो राम अवतार राम ने ढांढनिया परिवार के मिलते-जुलते नाम को अपने परिवार में रख दिया. केवल ढांढनिया टाइटल को हटा दिया, जैसे द्वारिका प्रसाद ढांढनिया की जगह द्वारिका प्रसाद मारवाड़ी कर दिया. उसके बाद अफसरों की मिलीभगत से उसने खुद को जमींदार का वंशज बता कर पंजी 2 में नाम दर्ज करा लिया. सरकारी जमीन हड़पने के लिए इन लोगों द्वारा योजनावद्ध तरीके से टाइटल घोटाला भी किया गया है.

किसके- किसके नाम पर है 169 बीधा जमीन की अवैध जमाबंदी

क्र. नाम पिता/ पति का नाम जमीन का रकबा 1. गीता देवी शंकर भगत 14 कट्ठा 2. राजकिशोर भगत नेतलाल भगत 03 कट्ठा 3. दुर्गी देवी मालदेव रविदास 10 कट्ठा 4. गणेश प्र, झा गगाधर झा 12 कट्ठा 5. रघुवा रविदास ईश्वर रविदास 17 कट्ठा 12 धूर 6. बंधु रविदास ईश्वर रविदास 05 कट्ठा 15 धूर 7. जगन्नाथ रविदास शिवन 11 कट्ठा 4 धूर 8. कदरू रविदास फैतकू रविदास 14 कट्ठा 9. छेदी रविदास पामीर रविदास एक बीघा 18 कट्ठा पांच धूर 10. गोविंद प्रसाद देवी प्रसाद दो बीघा 11. मवेशी अस्पताल तीन बीघा 12. डॉ इंदु भूषण चक्रवर्ती ऋषिकेश चक्रवर्ती 10 बीघा तीन कट्ठा 13. जगमोहन रविदास दरबारी रविदास 10 कट्ठा 10 धूर 14. विश्वनाथ सिंह मदारी सिंह 10 कट्ठा 13 धूर 15. फौदा रविदास शनिचरा रविदास 13 बीघा 10 कट्ठा एक धूर 16. रोहिणी रविदास मकरन रविदास एक बीघा 10 कट्ठा 14 धूर 17. गगल रविदास - एक बीधा 5 कट्ठा 18. बाली रविदास जंगली रविदास 14 बीघा 10 कट्ठा 19. मेघु रविदास बमरू रविदास दो बीघा 16 कट्ठा 18 धूर 20. कुलदीप रविदास बेगु रविदास एक बीघा तीन धूर 21. छेदी रविदास पामीर रविदास एक बीधा 12 कट्ठा 22. सहदेव रविदास कुतय रविदास चार बीधा 4 कट्ठा 3 धूर 23. धोलटन रविदास शिवम् रिवदास एक बीधा तीन धूर 24. सूर्यनारायण चौबे -- पांच बीधा 7 कट्ठा 15 धूर 25. फेकन रविदास फूलन गोप एक बीधा तीन धूर 26. शहादर हाजी वैगरा दिलु मिया पांच बीधा 17 कट्ठा 4 धूर 27. मोजल रविदास -- एक बीघा 28. जगरनाथ रविदास शिवम् रविदास एक बीधा 15 कट्ठा 29. बैजनाथ रविदास शिवम् रविदास एक बीधा तीन धूर 30. गोविन्द प्रसाद मारवाड़ी देवी प्र, मारवाड़ी एक बीधा 15 कट्ठा 31. गोविन्द प्रसाद मारवाड़ी देवी प्र. मारवाड़ी 15 कट्ठा एक धूर 32. मोहनराम मारवाड़ी द्वारिका प्र.मारवाड़ी 15 कट्ठा एक धूर 33. लोकनाथ मारवाडी रमोतर राम एक बीधा 15 कट्ठा 1 धूर 34. भगीरथी देवी वृजमोहन राम 10 बीधा17 कट्ठा 10 धूर 35. मूरती देवी भरसिंह रविदास एक बीधा एक कट्ठा 1 धूर 36. नन्दलाला पोदार सत्यनारायण पोदार 5 कट्ठा 37. जगनारायण उच्च वि. -- 8 बीधा 38. रोषा देवी रोशन चमार 15 कट्ठा 39. रामस्वरूप राम खूबलाल राम 2 बीघा 40. अकलेसर रविदास फौजी रविदास 2 बीघा 13 धूर 41. बैजनाथ रविदास झारू हरिजन 1 बीघा तीन धूर 42. गोविन्द प्रसाद राम देवी राम तीन बीघा 14 कट्ठा 43. देवी राम मारवाड़ी --- 6 बीघा 44. मोहन राम माध्य वि. ------ 5 बीघा 45. रखालचंद राय तारणी प्रसाद राय 1बीघा 8 कट्ठा 46. लाल बिहारी सिंह विश्वनाथ सिंह 8 कट्ठा 47. देवीराम मारवाड़ी महादेव राम मारवाड़ी 15 कट्ठा 48. जमरनाथ भगत भिखारी भगत 2 बीघा 10 कट्ठा 49. अखिलेश्वर हरिजन फौजी हरिजन 15 कट्ठा 50. कुलदीप रविदास कैलू रविदास 2 बीघा 1कट्ठा 51. बलदेव रविदास कैलू रविदास 1 बीघा 3धूर 52. मो. हबीबुल्ला अंसारी स्व. हाजी सखावत अंसारी 1 बीघा 10 कट्ठा 53. मु. तुफेल बगैरह स्व. हाजी सहादत 2 बीघा 18 कट्ठा

इनकी जमीन 1 से 19 कट्ठा तक है 

सतनारायण हरिजन, वैशाखी रविदास, कदरू हरिजन, हजारी रविदास, पोषण रविदास, दोरकी रविदास, पचीसा हरिजन, कुलदीप रविदास, सुखदेव रविदास, सहदेव रविदास, बलदेव रविदास, मंजुवा रविदास, पन्धु हरिजन, घोलटन रविदास, बैकुंठ रविदास, कलेश्वर रविदास, राजूवा हरिजन, कटकी हरिजन, योपी हरिजन, गरभू हरिजन, खलील अंसारी, रामू रविदास, कबिलायो देवी, महेश पासवान सहित 158 लोग. [wpse_comments_template]

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