Ranchi: भाकपा माले के राज्य सचिव मनोज भक्त एवं पार्टी केंद्रीय कमेटी सदस्य सुवेंदु सेन ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिये इंडिया गठबंधन के घटक दलों में कुछ सीटों पर विवाद चिंताजनक है. भाकपा माले समझती है कि समय रहते इस विवाद को आपसी संवाद के जरिए सुलझा लिया जाना चाहिए. ताकि झारखंड में भाजपा को कोई लाभ नहीं मिल सके. वह शनिवार को भाकपा माले के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस-झामुमो द्वारा एकतरफा घोषणा से यह विवाद बढ़ा है और घटक पार्टियां अलग-अलग सूचियां जारी कर रही हैं, जिनमें टकराव है. 28 धनवार सीट में भाकपा माले की सूची जारी करने के बाद झामुमो ने सूची जारी कर पिछले चुनाव में छठे नंबर रहे व्यक्ति को उम्मीदवार बना दिया. इस तरह की स्वेच्छाचारिता से गठबंधन मजबूत नहीं रह सकता है और इससे केवल भाजपा को ही लाभ मिल सकता है.
वहीं सीट संबंधी वार्ता में भाकपा माले ने जमुआ सीट पर भी अपने दावे को स्पष्ट कर दिया था. कांग्रेस की मंजू कुमारी के भाजपा में चले जाने के बाद वहां सबसे मजबूत राजनीतिक पार्टी के लिहाज से हमारा ही दावा था. किंतु निवर्तमान भाजपा विधायक को झामुमो का उम्मीदवार बनाया जाना स्वस्थ राजनीति का हिस्सा नहीं है. अवश्य ही इसे लेकर घटक दलों में बातचीत किया जाना चाहिए था. भाकपा माले घटक दलों से अपील करती है कि झारखंड की राजनीति से भाजपा को बाहर करने के लक्ष्य को कमजोर नहीं किया जाये और आपसी विवाद को हल किया जाए. छोटे दलों के तथ्यपरक दावों को नकार कर उम्मीदवार देना इंडिया गठबंधन को कमजोर करेगा. भाकपा माले की सीटों को कमजोर करने की कोई भी कोशिश इंडिया घटक दलों के लिए आत्मघाती होगा. हम उम्मीद करते हैं कि झामुमो-कांग्रेस सकारात्मक दिशा में बढ़ेंगे. भाकपा माले इसके अनुरूप अपनी दूसरी सूची जारी करेगी. हमें विश्वास है कि इंडिया गठबंधन अंततः पूरी एकजुटता से चुनावी संघर्ष में भाजपा की करारी हार सुनिश्चित करेगा और झारखंड में विकास, स्थानीयता, रोजगार एवं जल-जंगल-जमीन की झारखंडी आकांक्षा को पूरी करेगा.
इसे भी पढ़ें –इरफान के विवादित पर बोल पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एक्शन में, मांगा रिपोर्ट
Leave a Reply