NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर चुनाव आयोग के ओपिनियन पर फैसला लेने में गवर्नर देर नहीं कर सकते. बता दें कि मणिपुर विधानसभा के 12 भाजपा विधायकों के ऑफिस ऑफ प्रोफिट (अयोग्यता का मामला) में चुनाव आयोग ने अपनी ओपिनियन दे रखी है. इसमें गवर्नर को फैसला लेना है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर के गवर्नर अयोग्यता के मामले में चुनाव आयोग के रेफरेंस के बाद उस पर बैठ नहीं सकते. वह फैसले को लेकर बैठ नहीं सकते हैं. कुछ फैसला होना चाहिए.
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ने अरुणाचल में जहां बसाया गांव, वहां 1959 से ही PLA का कब्जा, पेंटागन की रिपोर्ट खारिज की भारतीय रक्षा सूत्र ने चुनाव आयोग ने ओपिनियम 13 जनवरी 2021 को दिया था
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली बेंच ने इस तथ्य की जांच की तो पाया कि चुनाव आयोग ने अपना ओपिनयिम 13 जनवरी 2021 को दिया था. लेकिन आज तक गवर्नर ने उस पर फैसला नहीं लिया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर विधानसभा के कांग्रेसी एमएलए डीडी थाईसिल ने अर्जी दाखिल कर ऑफिस ऑफ प्रोफिट के आधार पर 12 भाजपा विधायकों के अयोग्यता की मांग कर रखी है. याचिका में कहा गया है कि इन्होंने पार्लियामेंटरी सेक्रेटरीज के पद को होल्ड किया था और यह ऑफिस ऑफ प्रोफिट के दायरे में आता है.
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ड्रग्स केस : गृह मंत्री दिलीप पाटिल के आवास पर शरद पवार ने मीटिंग की, SIT ने एनसीबी से CCTV फुटेज मांगे कपिल सिब्बल ने दलील दी , गवर्नर फैसला पेंडिंग नहीं रख सकते
याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि गवर्नर फैसला पेंडिंग नहीं रख सकते. इनका कार्यकाल खत्म हो रहा है और एक महीने में खत्म हो जायेगा उसके बाद सारा खेल खत्म है. हमें जानना चाहिए कि संवैधानिक अथॉरिटी क्या फैसला ले रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के इस बात से सहमत हैं कि वह फैसले से नहीं बच सकते.
चुनाव आयोग के ओपिनियम गवर्नर के लिए बाध्यकारी
भारतीय चुनाव आयोग की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट राजीव धवन ने कहा कि चुनाव आयोग के ओपिनियम गवर्नर के लिए बाध्यकारी हैं. इस क्रम में राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल दूसरे केस में व्यस्त हैं. इसलिए सुनवाई टाली जानी चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को टालने की अर्जी दाखिल नहीं कर सकती है क्योंकि सिर्फ एक महीना ही बचा हुआ है. एक बार कोर्ट ने सुनवाई कुछ देर के लिए टाली लेकिन सॉलिसिटर जनरल पेश नहीं हो पाये. जान लें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 11 नवंबर के लिए टाल दी है. [wpse_comments_template]
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