महिलाएं स्वयं निर्णय लें और समाज का नेतृत्व कर मौके का सदुपयोग करें : उप विकास आयुक्त
अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को किया गया सम्मानित, गर्भवती महिलाओं की हुई गोदभराई
Hazaribagh : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-2023 को लेकर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को जिला समाज कल्याण विभाग के तत्वावधान में स्थानीय नगर भवन हजारीबाग में किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि उपायुक्त नैन्सी सहाय एवं उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित ने दीप प्रज्जवलित कर किया. मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि निश्चित रूप से महिलाओं की समाज में भागीदारी बढ़ी है. परंतु समाज में अब भी महिलाओं के प्रति सोच में बदलाव की काफी गुंजाइश है. खासकर बालिका शिक्षा एवं समाज में महिलाओं के साथ उत्पीड़न शोषण आदि के क्षेत्र में और अधिक काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के महत्व को देश ने स्वीकार किया है आज कई महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं अपनी सेवाएं दे रही हैं. झारखंड की पूर्व राज्यपाल आज देश की राष्ट्रपति महिला हैं, जिसे महिला सशक्तीकरण के तौर पर देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि महिलाएं जब अपना निर्णय स्वयं ले सकें, तभी महिलाएं सही मायने में सशक्त मानी जाएंगी. उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे निर्भीक होकर अपनी बातों और अपने विचारों को समाज के समक्ष रखें. साथ ही पुरुषों से भी अपील की कि अपने घर, परिवार, समाज में महिलाओं को प्रोत्साहित करने, उनको आगे बढ़ाने में सहायक बने और सकारात्मक होकर दुनिया की आधी आबादी को उनका हक दिलाने में अपनी भूमिका निभाएं. उन्होंने कहा कि महिला विकास के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, इन योजनाओं का लाभ उठाएं.
इसे भी पढ़ें:बोकारो : नदियों और जलस्रोतों को प्रदूषित करना अपराध : यदुनाथ पांडेय
….कि उठ मेरी जान तुझे चलना है, तुझे चलना है, तुझे चलना है!.
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित ने अपने संबोधन में कहा समाज में महिलाओं के प्रति सोच को लेकर आज बदलाव की जरूरत है. पुरुष प्रधान समाज में अब महिलाएं समान रूप से आगे बढ़ रही हैं. हजारीबाग में प्रशासन के शीर्ष पद पर कई महिलाएं जिला को नेतृत्व प्रदान कर रही हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं स्वयं निर्णय लें और समाज का नेतृत्व करें. खासकर समाज में महिलाएं एवं पंचायती राज संस्थाओं के चयनित जनप्रतिनिधि अपना निर्णय स्वयं लें, मौके का सदुपयोग करें. उन्होंने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कैफी आजमी की चंद लाइनों को भी कहा….कि उठ मेरी जान तुझे चलना है, तुझे चलना है, तुझे चलना है!.
मौके पर ये थे मौजूद
मौके पर महिला पर्यवेक्षिकाओं ने महिला सशक्तीकरण के लिए विभागीय योजनाओं से संबंधित जानकारी साझा की गई. साथ ही अतिथियों ने सेवानिवृत्त आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, बाल विवाह का विरोध, जिला में खेल एवं पढ़ाई एवं सोहराय कला के क्षेत्र में बेहतर एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. इस दौरान डीसी और डीडीसी ने गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म अदा करते हुए जच्चे-बच्चे को शुभकामनाएं दीं. इससे पूर्व उपस्थित अतिथियों को पौधा एवं बैच देकर स्वागत किया गया. साथ ही यदुनाथ बालिका विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गान प्रस्तुत किया. इस अवसर पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी इन्दु प्रभा खलखो, महिला थाना प्रभारी वर्षा रानी टोप्पो, सिविल सर्जन सरयू प्रसाद सिंह, जिला कल्याण पदाधिकारी आलोक रंजन, कोषागार पदाधिकारी उज्जवल कुमार चौरसिया, पैनल अधिवक्ता रीना वर्मा, मनोचिकित्सक डॉ एपा घोष, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिक, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, प्लान इंडिया के प्रतिनिधि, बाल कल्याण समिति एवं जेजेबीके के सदस्य सहित विभिन्न विद्यालयों के छात्राएं एवं शिक्षकगण आदि मौजूद थे.
इसे भी पढ़ें:गिरिडीह : जेएमएम स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन
दूसरी खबर
एनटीपीसी में मना राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, कर्मियों को दिलाई गई शपथ
सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और कार्यस्थल में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हर साल चार मार्च को पूरे भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 की थीम “आवर एम जीरो हार्म” है. इस खास मौके पर एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोयला खनन परियोजना में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया. परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक शिवम श्रीवास्तव ने सुरक्षा ध्वज फहराकर कर्मचारियों को सुरक्षा की शपथ दिलाई. मुख्य महाप्रबंधक ने कहा कि सुरक्षा हमारी पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता है और इसे हमेशा सर्वोपरि मानते आए हैं. सुरक्षा के प्रति सतर्क रहकर काम करना यह हम सब की जिम्मेदारी है. सुरक्षा दिवस के मौके पर परियोजना में क्विज, पोस्टर मेकिंग, श्लोगन कंपटीशन जैसे प्रतिस्पर्धा भी आयोजित की गई, जहां कर्मचारियों एवं उनके परिजनों ने भाग लिया.
सुरक्षा जागरूकता की संस्कृति बनाने पर जोर
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य व्यक्तियों, समुदायों और संगठनों को सुरक्षा के महत्व के बारे में शिक्षित करना और सुरक्षा जागरूकता की संस्कृति बनाना है. यह उन लोगों के प्रयासों को पहचानने और उनकी सराहना करने का अवसर है जिन्होंने कार्यस्थलों और समुदायों को सुरक्षित बनाने में योगदान दिया है. भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी), श्रम और रोजगार मंत्रालय के सहयोग से, सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन विभिन्न गतिविधियों और पहल की जाती है. इन गतिविधियों में सुरक्षा अभियान, प्रशिक्षण सत्र, कार्यशालाएं, सेमिनार और मॉक ड्रिल शामिल हैं. एनएससी संगठनों को सुरक्षा ऑडिट करने, संभावित खतरों की पहचान करने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करता है. परिषद संगठनों को उनके सुरक्षा मानकों में सुधार करने और सुरक्षित कार्य वातावरण को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए संसाधन और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रदान करती है.
Leave a Reply