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दिव्यांगों को कोरोना काल में भी समय पर नहीं मिल रही पेंशन

दिव्यांगों का जीवन गुजर रहा कठिनाइयों के दौर से, सरकार से लगायी गुहार

Pravin Kumar

Ranchi: झारखंड में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है वहीं दिव्यांगों को भी कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वजह है उन्हें समय पर दिव्यांग पेंशन नहीं मिल पाना. बताते चलें कि राज्य में 1 लाख 57 हजार 16 दिव्यांग स्वामी विवेकानंद प्रोत्साहन भत्ता योजना से जुड़ें हुए हैं. उनका आरोप है कि उन्हें पेंशन सही समय पर नहीं मिल पा रहा है. जिससे उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

कोरोना महामारी में समय पर प्रोत्साहन भत्ता नहीं मिलने से इन्हें परिवार चलाने, दवा, शिक्षा समेत कई तरह की जरूरतों को पूरा करने में परेशानी हो रही है. राज्य के कुछ जिलों में अक्टूबर-नवंबर माह तक तो कुछ जिलों में फरवरी माह तक का पेंशन भुगतान किया गया है. पिछले वर्ष से स्वामी विवेकानंद प्रोत्साहन भत्ता पाने वाले 18 वर्ष से ऊपर के सभी दिव्यांगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन में ट्रांसफर किये जाने के कारण हजारों दिव्यांगों की पेंशन बंद हो गई.

4 मई को सीएम सचिवों के साथ की वीडियो कांफ्रेंसिंग

मंगलवार 4 मई को सीएम हेमंत सोरेन ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सभी विभागों की समीक्षा की थी. इस दौरान राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी महत्वपूर्ण लोक कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की गई. जिसमें विभिन्न विभागों के सचिवों से अनुरोध किया गया है कि वे योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए कार्य योजना के साथ उपस्थित हों, ताकि महामारी के इस दौर में राज्यवासियों को राहत पहुंचाया जा सके. इसके बाद भी समय पर दिव्यांगों को राज्य सरकार की ओर स्वामी विवेकानंद प्रोत्साहन भत्ता समय पर नहीं मिल रहा है.

दिव्यांग राजन कुमार, स्वपन मांझी, वीना कुमारी, मुख्तार आलम और कुंती कुमारी की तस्वीर

क्या कहते हैं लाभुक

जमशेदपुर के विजय कुमार सिंह, स्वपन मांझी, राजन कुमार, मुख्तार आलम, रजत, आरडी राजू कहते हैं कि सरकार की ओर से मिलने वाला प्रोत्साहन भत्ता समय पर नहीं मिलता है. सरकार योजना चलाती है लेकिन बाबूओं का रहमो-करम पर योजना का लाभ मिलता है. हमलोंगों को चार माह से प्रोत्साहन भत्ता नहीं मिला है.

सरायकेला जिले की कुंती कुमारी, वीना कुमारी, शत्रुघन मांझी और रोहित कुमार कहते हैं फरवरी माह के बाद सरकार की ओर से मिलने वाली पेंशन रूकी हुई है, कोरोना महामारी में समय पर पेंशन अगर मिलता तो हमारा जीवन भी सहज होता.

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झारखंड विकलांग मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने 6 मई को सीएम हेमंत सोरेन को ई-मेल एवं ट्विटर के माध्यम से दिव्यांगों के लिए संचालित सभी पेंशन के शीघ्र भुगतान की मांग की.

क्या कहते हैं विकलांग मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह

झारखंड विकलांग मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने 6 मई को सीएम हेमंत सोरेन को ई-मेल एवं ट्विटर के माध्यम से दिव्यांगों के लिए संचालित सभी पेंशन के शीघ्र भुगतान की मांग की है. इसके बावजूद दिव्यांगों को समय पर पेंशन व प्रोत्साहन भत्ता नहीं मिल रहा है. सीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि झारखंड में 5 वर्ष के बच्चों से लेकर 18 वर्ष से ऊपर के दिव्यांगों को स्वामी विवेकानंद स्वालंबन प्रोत्साहन भत्ता मिलता है. लेकिन पिछले वर्ष से 18 वर्ष के ऊपर के दिव्यांगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन में ट्रांसफर किये जाने की प्रक्रिया के नाम पर पेंशन बंद कर दी गई है. जिसके कारण राज्य में अधिकतर दिव्यांगों का पिछले एक साल से पेंशन बंद है.

क्या कहते हैं सामाजिक सुरक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक

इस बारे में पूछे जाने पर सामाजिक सुरक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक अरूण कुमार सिंह कहा कि स्वामी विवेकानंद स्वालंबन प्रोत्साहन भत्ता पाने वाले सभी लाभुकों का भत्ता मार्च 2021 तक निर्गत कर दिया गया है. जब अप्रैल के भत्ते के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राशि निर्गत नहीं हुई है.

जानें किस जिले में कितने लाभुक स्वामी विवेकानंद प्रोत्साहन भत्ता जुड़े हैं.

जिला    लाभुकों की संख्या

बोकारो- 10297

चतरा- 3671

देवघर- 13978

धनबाद- 13527

दुमका- 10966

गढ़वा- 3784

गिरिडीह- 10045

गोडडा- 5638

गुमला- 3873

हजारीबाग- 13068

जामताड़ा- 6263

खूंटी- 1727

कोडरमा- 3865

लातेहार- 2462

लोहरदगा- 3433

पाकुड़- 1572

पलामू- 7104

पूर्वी सिंहभूम- 10028

रामगढ़- 6626

रांची- 1150

साहिबगंज- 4106

सरायकेला- 3726

सिमडेगा- 1553

वेस्ट सिंहभूम- 4554