Ranchi : रांची विश्वविद्यालय में कार्यरत घंटी आधारित सहायक प्राध्यापकों के घर दीपावली में दीए नहीं जलेंगे और ना ही बच्चें फटाके फोडेंगे. ये कहना है रांची विश्वविद्यालय के झारखंड सहायक प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ. त्रिभुवन शाही का. दरअसल शुक्रवार को घंटी आधारित शिक्षकों ने बैठक की. बैठक में शिक्षकों ने अपनी मांगो और मानदेय को लेकर चर्चा किया. शिक्षकों ने बताया कि रांची विश्वविद्यालय में कार्यरत घंटी आधारित सहायक प्राध्यापकों को लगभग 5 महीने से मानदेय नहीं मिला है. कुछ शिक्षकों को अलग-अलग समय से मानदेय नहीं मिल रहा है. दूर्जा पूजा में भी मानदेय नहीं दिया गया था. इस बैठक में डॉ निरंजन महतो, डॉ त्रिभुवन शाही, डॉ. संजू, डॉ.अंशुल, डॉ. नरेंद्र दास, डॉ. कन्हैया लाल, डॉ. संध्या, डॉ. संजय कुमार,डॉ. मुकेश उरांव, डॉ. राजश्री,डॉ. अनुश्री, डॉ शशि भगत और डॉ. सोहन मुंडा शामिल थे.
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इनकी मुख्य मांगें
-2018 एक्ट के पृष्ठ संख्या- 50 में उल्लेखित बिंदु संख्या- 13.0 के अनुसार न्यूनतम मानदेय 57,700 दिया जाए.
-मार्च 2022 से अबतक मानदेय का भुगतान जल्द किया जाए.
-यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार न्यूनतम ग्रेड दिया जाए ताकि अनुभव का लाभ मिले.
-फिक्स मानदेय दिया जाए.
फाइनेंस ऑफिसर ने क्या कहा
रांची विश्वविद्यालय के फाइनेंस ऑफिसर ने कहा कि मानदेय देने संबंधित सारा काम कर लिया गया है. शनिवार को छुट्टी है लेकिन मै विश्वविद्यालय में उपस्थित रहूंगा. कल भी आकर वे अपना चेक ले सकते हैं. ये सही है कि मानदेय मिलने में देरी हुई है. कुछ समस्याएं थी. एक दो दिनों में सभी का मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा.
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