Ranchi : कोरोना के समय भी राजधानी रांची में इन दिनों कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. शहर के कई मुहल्ले और गलियों में कुत्ते लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. एक ओर जहां रात में कुत्तों का आतंक है, तो वहीं दिन में भी कुत्ते लोगों को काट रहे हैं. लोगों की मुश्किलें तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है, जब सदर अस्पताल पहुंचने के बाद यहां इंजेक्शन खत्म होने की जानकारी दी जाती है. पिछले एक सप्ताह से लोग इंजेक्शन लेने के लिए पहुंच तो जरूर रहे हैं, लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है.
एंटी रेबीज इंजेक्शन का दो डोज मिलने के बाद अब नहीं मिल रहा इंजेक्शन
रांची के रहने वाले नंदकिशोर चंदेल ने बताया कि पिछले दिनों कुत्ते ने काट लिया था. सदर अस्पताल में एंटी रेबीज का दो डोज मिला, लेकिन सोमवार को अस्पताल में तीसरा डोज लेने के लिए पहुंचा तो यहां बताया गया कि वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. अस्पताल के कर्मचारी से पूछने पर मालूम चला कि डॉग बाइट की वैक्सीन कब आएगी, इसकी कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि अब दवा दुकान से इंजेक्शन लगवाना पड़ेगा.
घर के बाहर खेलने के दौरान 6 साल की बच्ची को कुत्ते ने काटा
वहीं चुटिया की रहने वाली हेमंती देवी ने कहा कि घर के बाहर खेलने के दौरान 6 वर्षीय बेटी सोनी को कुत्ते ने काट लिया. सदर अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन का दो डोज तो मिल गया, लेकिन तीसरा डोज लेने के लिए आयी तो मालूम चला कि वैक्सीन नहीं है. इंजेक्शन लेना जरूरी है. अब खरीद कर बेटी को इंजेक्शन लगवाऊंगी.
डॉग बाइट के आधार पर दिया जाता है इंजेक्शन
सदर अस्पताल में कार्यरत एएनएम ने कहा कि डॉग बाइट (काटने) “जख्म” के आधार पर एंटी रेबीज का डोज दिया जाता है. उन्होंने बताया कि यदि हल्की खरोंच हो तो दो डोज में काम चल जाता है, लेकिन खरोच या जख्म ज्यादा हो तो चार डोज भी देना पड़ता है.
4 डोज का होता एंटी रेबीज का इंजेक्शन
डॉग बाईट एंटी रैबीज का इंजेक्शन चार डोज का होता है. पहला डोज डॉग बाइट के दिन दिया जाता है. दूसरा डोज 3 दिन पर. इसके बाद सात दिन और आखरी डोज 28 दिन पर दिया जाता है.