Ranchi : सेवा सदन में हृदय चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल करते हुए कार्डियोथोरेसिक सर्जनों की टीम ने 62 वर्षीय लक्ष्मण कुमार (पोस्टमैन) की जान बचा ली. उन्हें दुर्लभ व जटिल हृदय रोग था. वे फटे हुए वाल्सल्वा साइनस (RSOV) और गंभीर महाधमनी वाल्व विकार से जूझ रहे थे.
लगातार सांस फूलना,सीने में दर्द और थकान की शिकायत पर डॉक्टरों ने गहन जांच की, जिसमें पता चला कि उनका महाधमनी वाल्व क्षतिग्रस्त है और वाल्सल्वा एन्यूरिज्म के कारण हृदय की जड़ में दरार पड़ चुकी है.
कार्डियक सर्जरी हार्ट सेंटर के निदेशक डॉ प्रशांत दास ने बताया कि यह उच्च जोखिम वाली लेकिन अनिवार्य सर्जरी थी. यदि इसे नजरअंदाज किया जाता, तो रोगी की जान जा सकती थी.करीब छह घंटे तक चले ऑपरेशन में डॉक्टरों ने फटे साइनस की मरम्मत की और क्षतिग्रस्त महाधमनी वाल्व को बाइलीफ्लेट मैकेनिकल वाल्व से बदल दिया.
सर्जरी के बाद लक्ष्मण कुमार को कार्डियक आईसीयू में रखा गया है और अब उनकी हालत स्थिर है. रोगी लक्ष्मण कुमार ने कहा कि यह मेरे लिए जीवन बदलने वाला पल है. मैं डॉक्टरों और अस्पताल की पूरी टीम का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे एक नयी ज़िंदगी दी. चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि RSOV जैसे दुर्लभ रोग गंभीर हो सकते हैं. समय पर निदान व उपचार से ही जीवन बच सकता है.