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डॉक्टर व्यवहार में क्लीनिकल न रहे, सहानुभूति के साथ सलाह दें : राष्ट्रपति

  • एक अच्छे डॉक्टर के साथ एक अच्छा इंसान होना जरूरी
  • समाज निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं डॉक्टर
  • एस्म द्वारा गांवों को गोद लेने का दायरा बढ़ने की है जरूरत

Deoghar: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि डॉक्टर व्यहार में क्लीनिकल न बनें, बल्कि सहानुभूति के साथ सलाह दें.बाबा बैद्यनाथ ने आपको जनसेवा के लिए भेजा है. एक अच्छा डॉक्टर के साथ एक अच्छा इंसान भी होना जरूरी है. 
राष्ट्रपति गुरुवार को एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थीं. उन्होंने कहा कि डॉक्टर अनगिनत जीवन में उजाला कर सकते हैं. समाज निर्माण में भी वे अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं. 


एम्स के साथ मेरी विशेष स्मृति है जुड़ी


राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स के साथ मेरी विशेष स्मृति जुड़ी हुई है. जब मैं झारखंड की राज्यपाल थी तो 25 मई 2018 में सिंदरी से इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. देवघर एम्स की विकास यात्रा से मेरा विशेष संबंध बन गया है. देवघर एम्स में कल्चर ऑफ एक्सिलेंस की शुरूआत हो रही है. इसके लिए राष्ट्रपति ने पूरी टीम को शुभकामनाएं भी दीं. 


पदक पाने वाली बेटियों की संख्या छात्रों के बराबर


राष्ट्रपति ने कहा कि आज उपाधी व पदक पाने वालों में बेटियों की संख्या छात्रों के बराबर है. एम्स में प्रवेश पाना और शिक्षा ग्रहण करने का मतलब है कि आप एक कुशल डॉक्टर बन गए हैं. लेकिन सेंसेटिव कम्यूनिकेशन की क्षमता भी होनी चाहिए. कुछ ऐसे डॉक्टर हैं जिनके परामर्श से परिवार के लोग बेहतर महसूस करते हैं. 


 प्राथमिक स्वास्थ्य क्षेत्र में सक्रियता के साथ करें काम


राष्ट्रपति ने डॉक्टरों से कहा कि प्राइमरी हेल्थ क्षेत्र में भी सक्रियता के साथ काम होना चाहिए. अर्बन-रुरल हेल्थ कम्यूनिटी सेंटर भी जाकर अपनी सेवा दें. उन्होंने देवघर एम्स से कहा कि गांवों को गोद लेने का दायरा बढ़ाना चाहिए. देवघर एम्स ने अब तक पांच गांवों को ही गोद लिया है. 


हेल्थ इज वेल्थ के लिए करें काम


राष्ट्रपति ने कहा कि जब मैं राज्यपाल थी तो  मैनें पूरे गांव का भ्रमण किया. इसलिए हेल्थ इन वेल्थ को ध्यान में रखकर काम करने की जरूरत है. समाज के काम में भी ध्यान देने की जरूरदत है. सेवा प्रदान करने के लिए काफी अवसर भी हैं. शिशू मृत्यु दर और थैलेसिमिया को भी कम करने की जरूरत है. उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि आप एक उदाहरण बनें. दवा पर कम से कम खर्च हो. स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में एम्स की भूमिका है.


 इन पदक विजेताओं को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित


गोल्ड मेडलः डॉ अस्मित अग्रवाल
सिल्वर मेडलः डॉ तनिष्क कुमार
ब्रांज मेडलः डॉ हर्षवीर कौर
एमबीबीएस में सर्वाधिक अटेंडेंसः डॉ ऋचा जायसवाल
राष्ट्रपति ने इन्हें प्रदान की उपाधी
डॉ अंजनी कुमारी
डॉ गौतम शंकर
डॉ सुमिता सिन्हा
डॉ शिक्षा सिंह
डॉ ओम शंकर


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