इसे संजो कर रखना हम सबकी जिम्मेवारी
लोकार्पण के मौके पर रघुवर दास ने कहा कि भाषा और संस्कृति किसी भी राज्य या क्षेत्र की धरोहर होती है. इसे संजो कर रखना हम सबकी जिम्मेवारी है. उन्होंने कहा कि राजाराम महतो एक कालजयी व्यक्तित्व हैं और इन्होंने लोकभाषा कुरमाली के लिए काफी कुछ किया है. इन्हीं की देन है कि टुसू पर्व पिछले 23 सालों से राजधानी रांची में धूमधाम से मनाया जाता है. इस पुस्तक में इनके अद्भुत कार्यों का उल्लेख है और यह एक पुस्तक नहीं बल्कि आंदोलन का दस्तावेज है.alt="" width="600" height="400" />
ये काम वे जिंदगी भर करेंगे- डॉ राजाराम महतो
डॉ राजाराम महतो ने कहा कि कुरमाली भाषा झारखंड की एक प्रमुख भाषा है और इसे संरक्षित कर आने वाली पीढ़ी को देना ही उनका लक्ष्य है और ये काम वे जिंदगी भर करेंगे. इस मौके पर छात्र- छात्राओं ने कुरमाली गीत और नृत्य से लोगों का मन मोह लिया. कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजित सिन्हा, श्यामा प्रसाद मुखर्जी के कुलपति डॉ तपन शांडिल्य,अंजनी श्रीवास्तव, टीएन साहू, कुलपति झारखंड मुक्त विश्वविद्यालय समेत काफी संख्या में छात्र- छात्राएं मौजूद रहे. इसे भी पढ़ें – देवघर">https://lagatar.in/durga-soren-university-opened-in-deoghar-enrollment-will-start-soon/">देवघरमें खुली दुर्गा सोरेन यूनिवर्सिटी, जल्द शुरू होगा नामांकन [wpse_comments_template]
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