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डॉ राजाराम महतो पर पुस्तक आंदोलन का दस्तावेज : रघुवर दास

Ranchi : कुरमाली भाषा और संस्कृति के केंद्रीय अध्यक्ष और शिक्षाविद् डॉ राजाराम महतो के आंदोलन और उनके द्वारा किए गए कार्यों पर आधारित पुस्तक ‘कुरमाली भाषा संस्कृति के साधक - डॉ राजाराम महतो’ का लोकार्पण शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के हाथों होटल सिटी पैलेस में संपन्न हुआ. इस पुस्तक का संपादन डॉ मंजय प्रमाणिक ने किया है. पुस्तक में डॉ महतो के क्रियाकलापों, उनके आंदोलनों की जानकारी के अलावा विभिन्न आंदोलनकारियों, शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के आलेख हैं.

इसे संजो कर रखना हम सबकी जिम्मेवारी

लोकार्पण के मौके पर रघुवर दास ने कहा कि भाषा और संस्कृति किसी भी राज्य या क्षेत्र की धरोहर होती है. इसे संजो कर रखना हम सबकी जिम्मेवारी है. उन्होंने कहा कि राजाराम महतो एक कालजयी व्यक्तित्व हैं और इन्होंने लोकभाषा कुरमाली के लिए काफी कुछ किया है. इन्हीं की देन है कि टुसू पर्व पिछले 23 सालों से राजधानी रांची में धूमधाम से मनाया जाता है. इस पुस्तक में इनके अद्भुत कार्यों का उल्लेख है और यह एक पुस्तक नहीं बल्कि आंदोलन का दस्तावेज है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/561-5.jpg"

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ये काम वे जिंदगी भर करेंगे- डॉ राजाराम महतो

डॉ राजाराम महतो ने कहा कि कुरमाली भाषा झारखंड की एक प्रमुख भाषा है और इसे संरक्षित कर आने वाली पीढ़ी को देना ही उनका लक्ष्य है और ये काम वे जिंदगी भर करेंगे. इस मौके पर छात्र- छात्राओं ने कुरमाली गीत और नृत्य से लोगों का मन मोह लिया. कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजित सिन्हा, श्यामा प्रसाद मुखर्जी के कुलपति डॉ तपन शांडिल्य,अंजनी श्रीवास्तव, टीएन साहू, कुलपति झारखंड मुक्त विश्वविद्यालय समेत काफी संख्या में छात्र- छात्राएं मौजूद रहे. इसे भी पढ़ें – देवघर">https://lagatar.in/durga-soren-university-opened-in-deoghar-enrollment-will-start-soon/">देवघर

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