Ranchi : MAXIZONE चिटफ़ंड घोटाले में कंपनी के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी में 300 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से संबंधित सबूत मिले हैं. इसके अलावा डिजिटल डिवाई आदि जब्त किये गये हैं. MAXIZONE कंपनी के निदेशक चंद्रभूणष सिंह और उसकी पत्नी पर 521-600 करोड़ रुपये की मनी लॉंड्रिंग का आरोप है.
ईडी ने MAXIZONE घोटाले की जांच के दौरान गुरुवार को दूसरी बार इस चिटफ़ंड कंपनी से जुड़े लोगों के नोएडा और ग़ाज़ियाबाद के कुल 20 ठिकानों पर छापा मारा. छापामारी में रांची के अलावा दिल्ली सहित अन्य स्थानों के ईडी के अधिकारियों को शामिल किया गया है. सुबह क़रीब छह बजे शुरू हुई छापामारा रात के नौ बजे के बाद समप्त हुई. छापामारी के दौरान लोगों को बेहतर रिटर्न देकर ठगने और ठगी के पैसों की लॉंड्रिंग कर संपत्ति खरीदे जाने से संबंधित सबूत मिले हैं. छापामारी के दौरान देश के कई राज्यों में अलग-अलग नामों से संपत्ति खरीदे जाने से संबंधित दस्तावेज मिले हैं. पहले चरण के आकलन के बाद जब्त किये गये दस्तावेज में 300 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का अनुमान किया गया है.
MAXIZONE के निदेशक चंद्रभूषण सिंह और उसकी पत्नी प्रियंका सिंह ने मार्केटिंग कंपनी बनाई. इसके बाद गलत तरीके से इसका इस्तेमाल बेहतर रिटर्न के नाम पर निवेश कराने में किया. अल्प आय वर्ग के लोगों ने बेहतर रिटर्न की उम्मीद में इस कंपनी में 500-600 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके बाद कंपनी के निदेशक सहित अन्य लोग कार्यालय बंद कर फ़रार हो गये. इस जालसाजी के मामले में देश के पाँच राज्यों में MAXIZOE के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है. इन राज्यों में झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक शामिल है. फरार होने के बाद चंद्रभूषण ने अपना नाम बदल कर दीपक सिंह कर लिया. इस नाम से अपने लिए फर्जी पहचान पत्र सहित अन्य दस्तावेज बनवाये. इसके बाद नोएडा में दीपक सिंह के नाम पर रहने लगा.
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