Search

घरेलू कामगार महिलाओं ने सम्मान व अधिकार की मांग पर राजभवन के समक्ष किया प्रदर्शन

Ranchi : अंतरराष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस के अवसर पर, घरेलू कामगारों का राष्ट्रीय मंच (National Platform for Domestic Workers) के तत्वावधान में सैकड़ों घरेलू कामगार महिलाएं जिला स्कूल मैदान, रांची में एकजुट हुईं. वहां से एक पैदल मार्च निकाला गया, जो कचहरी रोड होते हुए राजभवन पहुंचा और अंततः एक जनसभा में परिवर्तित हो गया.

 

Uploaded Image

 

प्रदर्शन के दौरान महिलाओं के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था:

घरेलू कामगारों को लाभ और सहयोग दिया जाए,

घरेलू कामगारों के लिए राज्य स्तरीय अलग कानून बनाया जाए,

घरेलू कामगार मानसिक, शारीरिक और यौन शोषण बर्दाश्त नहीं करेंगी.

 

इस मौके पर सिस्टर अंशु लकड़ा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस ILO कन्वेंशन 189 की स्वीकृति की वर्षगांठ का प्रतीक है, जिसे 16 जून 2011 को जिनेवा में भारत सरकार ने मंजूरी दी थी. यह कन्वेंशन घरेलू कामगारों को अन्य श्रमिकों के समान अधिकार देने की बात करता है. लेकिन दुर्भाग्यवश अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है.

 

सामाजिक कार्यकर्ता आशा तिर्की ने कहा कि घरेलू कामगार महिलाओं के लिए सरकार को अलग और प्रभावी कानून बनाना चाहिए. जब महिलाएं दूसरों के घरों में काम करने जाती हैं, तो उनसे जरूरत से ज्यादा काम लिया जाता है. काम न करने पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है, उचित मजदूरी नहीं दी जाती, और कई बार रात का बचा हुआ खाना ही उन्हें परोसा जाता है.बीमार होने पर दवाइयों के लिए अलग से पैसा नहीं मिलता और उन्हें सम्मानजनक व्यवहार भी नहीं मिल पाता

 

 

 

 

रेणुका किस्पोटा ने कहा कि घरेलू कामगार महिलाओं की बेरोजगारी का नाजायज फायदा उठाया जाता है. कम पैसे में अधिक काम कराया जाता है, और थोड़ी सी देरी होने पर उन्हें काम से निकाल दिया जाता है.कई महिलाएं बर्तन धोने से लेकर बच्चों की देखभाल तक करती हैं, लेकिन फिर भी उनके साथ छुआछूत जैसा व्यवहार होता है.

 

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें थीं

 

    सर्वोच्च न्यायालय के घरेलू कामगारों पर दिए गए निर्णय को तुरंत लागू किया जाए.  घरेलू कामगारों के लिए समग्र और व्यापक कानून बनाया जाए.

    कानून निर्माण के लिए श्रम, महिला एवं बाल कल्याण, समाजशास्त्र और मानवाधिकार विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाए.

सभा को रेणुका केरकेट्टा, ज्योति तिर्की, रेणु लिंडा, अनिता देवी, आशा देवी, निर्मला टोप्पो समेत कई अन्य महिलाओं ने भी संबोधित किया.

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp