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डोमिनिका : भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की जमानत अर्जी खारिज, वकील ने कहा, वह ऊपरी अदालत जायेंगे

NewDelhi :  डोमिनिका  की जेल में बंद भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की जमानत अर्जी खारिज हो गयी है.    खबर है कि डोमिनिका की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मेहुल चोकसी के देश में अवैध प्रवेश के मामले में उसे जमानत देने से इनकार कर दिया है. बता दें कि मेहुल चोकसी एंटीगुआ से लापता हो गया था. उसे  डोमिनिका में पकड़ा गया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि वह मेहुल की जमानत के लिए ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे.

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चोकसी को एंटीगुआ के जॉली हार्बर से अगवा किया गया

पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में आरोपी मेहुल चोकसी भारत में वांछित है. उसके वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल को एंटीगुआ के जॉली हार्बर से अगवा किया गया और उसे करीब 100 नॉटिकल मील दूर एक बोट से डोमिनिका ले जाया गया. डोमिनिका कोर्ट के आदेश के बाद हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को देश में अवैध रूप से घुसने के आरोपों का जवाब देने के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था.  

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नीली टीशर्ट और काले शॉर्ट्स पहन कर व्हील चेयर पर आया था

कोर्ट में वह नीली टीशर्ट और काले शॉर्ट्स पहन कर व्हील चेयर पर आया था. उसने अवैध प्रवेश के आरोपों का खंडन किया और कहा कि उसको तो एंटीगा से अगवा करके जबरन लाया गया है.   इससे पहले, डोमिनिका हाईकोर्ट की न्यायाधीश बर्नी स्टीफेंसन ने चोकसी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर करीब तीन घंटे तक सुनवाई करने के बाद उसे मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किये जाने का आदेश जारी किया था.  मेहुल चोकसी ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में दावा किया था कि उसे एंटीगुआ और बारबुडा से अपहरण कर जबरन कैरीबियाई द्वीप देश में लाया गया.

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साढ़े 13 हजार करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड का आरोप

बता दें कि  मेहुल पर भारत में साढ़े 13 हजार करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड का आरोप है. उसने भारत से चुपचाप निकल कर कैरीबियन देश एंटीगा की नागरिकता ले ली थी. भारत उसका प्रत्यर्पण चाहता है. मेहुल के वकीलों ने बेल के लिए तर्क देते हुए कोर्ट को याद दिलाया कि डॉमिनिका में अवैध प्रवेश के अनेक मामलों में पहले भी जमानत दी जा चुकी है.  

वकीलों ने बेल के लिए कठोरतम शर्तों का भी सुझाव दिया. कहा कि जमानत में दस हजार डालर की रकम भी जोड़ दी जाएये, जो कि अवैध प्रवेश के मामलों में अनुमन्य जुर्माने (पांच हजार डालर) से दूनी है. दूसरी ओर अभियोजन पक्ष यानी डॉमिनिका की सरकार अदालत में इसी तर्क के साथ कोर्ट जुटी रही कि अगर ज़मानत दे दी गयी तो मेहुल तुरंत भाग जायेगा. वकीलों ने कहा कि अभियुक्त का डॉमिनिका से कोई सरोकार नहीं है. अतः उसे यहां से भागने में कोई संकोच नहीं होगा.

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी.  मजिस्ट्रेट कैंडिया कैरिट जॉर्ज ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मैं जमानत के पक्ष में दिये गये तर्कों से संतुष्ट नहीं हूं.

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