लोगों को सशक्त और अपराध से बचने के लिए मैं चलाती थी हंटर
उन्होंने हंटरवाली का राज खोलते हुए बताया कि हंटरवाली नाम के पीछे भी कहानी है. लोग सशक्त हों और अपराध करने से बचें. इसके लिए वे हंटर लेकर चलती थीं. इसके बाद तो उन्हें हंटरवाली का ही नाम दे दिया गया. मैं बस जहां गयी वहां सुबह- शाम ईमानदारीपूर्वक काम करते गयी. बढ़िया काम करने की वजह से भारत सरकार ने उन्हें पुलिस एकेडमी में नियुक्त किया. जहां पर मैंने पांच साल तक आईपीएस को ट्रेनिंग दी.मैडम-सर पुस्तक के बारे में बताया
डॉ. मंजरी ने अपने द्वारा लिखित पुस्तक मैडम-सर के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक को पुलिस सेवा में जाने की ईच्छा रखने वाले छात्रों को जरूर पढ़ना चाहिए. इसमें ट्रेनिंग से लेकर पूरे सर्विस काल में जो अनुभव हुआ, उसके बारे में विस्तार से मैंने लिखी है. उम्मीद करते हैं कि यह पुस्तक छात्रों को पंसद आएगी. टीआरआई निदेशक रणेंद्र कुमार ने अपने अनुभव को साझा किया. उन्होंने कहा कि चाईबासा में जैप के 29 जवान शहीद होते हैं. ऐसी पीड़ा इस पुस्तक में उनके दर्द को बयां करती है. जब बच्चे अपने माता- पिता से मिलने आते हैं और एक पुलिस ऑफिसर अपने जिम्मेवारी से दबे होने के बाद कैसा उनका व्यवहार अपने बच्चों के साथ होता है. ऐसी तमाम चीजों का बहुत अच्छे तरह से इसमें चित्रण किया गया है. इसे भी पढ़ें : दुस्साहस">https://lagatar.in/audacity-molesting-girl-students-by-entering-the-school-for-protesting-the-officer-was-bled/">दुस्साहस: स्कूल में घुसकर छात्राओं से छेड़खानी, विरोध करने पर आदेशपाल को किया लहूलुहान [wpse_comments_template]
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