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डॉ निर्मल मिंज ने झारखंड आंदोलन को बौद्धिक स्तर पर बनाया था गतिमान- झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा

Ranchi: साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित और जीईएल चर्च के प्रथम बिशप 94 वर्षीय डॉ निर्मल मिंज का बुधवार शाम रांची के डिबडीह स्थित आवास पर निधन हो गया. मिंज की मुत्यु से झारखंड में शोक की लहर है. झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने मिंज की निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड आंदोलन को गतिमान बनाने के लिए बौद्धिक स्तर पर उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया. कुरुख भाषा के ज्ञाता शिक्षाविद् विशप डॉ निर्मल मिंज के निधन से झारखंड ने पुरोद्धा खो दिया है. झारखंड आंदोलनकारियों ने कहा कि उनके निधन से माय, माटी व मूल के आंदोलन की धारा रुक गई है.

इन्होंने व्यक्त किया शोक

डॉ निर्मल मिंज के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो, महासचिव अजीत मिंज, डॉ वीरेंद्र कुमार महतो, अश्विनी कुजुर पुष्कर महतो, रूसी लाल सोरेन, कोलेश्वर सोरेन,प्रफुल्ल ततवा, आजम अहमद ,प्रेम मित्तल, सूरज देव भगत, कन्हैया पासवान, कामेश्वर पांडे, राज कमल महतो अनिल बर्नवाल, किशोर किस्कु, संतोष सहाय, श्याम सुंदर यादव, विश्वजीत प्रमाणित, गौतम बोस, भुनेश्वर केवट, लाल प्रेम प्रकाश नाथ शहदेव, दिवाकर साहू, रवि नंदी, राज किशोर साहू, सरोजिनी कच्छप, विनीता अल्पना खलखो, एरेन कच्छप,,मोनिका देवी, नीतू गोस्वामी, विनोद बड़ाईक, जफर खान, मसीह प्रकाश आइंद, अनिल उरांव, राशिद खान, कयूम खान,गैब्रिएल खा खा, कयूम खान, शहजादा अनवर, जुबेर अहमद, अनवर खान सहित अन्य हैं

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