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डॉ रणदीप गुलेरिया बता रहे, बिना लक्षण वाले मरीज कितने दिन रहें आइसोलेशन में, कब जायें अस्पताल

New Delhi : देश भर में कोरोना की तबाही के बीच एक दवा का नाम बार-बार सुर्खियों में आ रहा है. यह दवा है रेमडेसिविर.">https://medlineplus.gov/druginfo/meds/a620033.html">रेमडेसिविर.

रेमडेसिविर की कालाबाजारी की चर्चाओं के बीच राज्यों की सरकारें केंद्र सरकार से इस इंजेक्शन के लिए गुहार लगा रही हैं. इस बीच  भारतीय">https://www.aiims.edu/hi.html">भारतीय

आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने एक बार फिर से बताया है कि कब और किस मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है. उन्होंने शुक्रवार को होम आइसोलेशन को लेकर भी कुछ जरूरी जानकारियां दी हैं.

हर मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत नहीं

डॉ गुलेरिया ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव सभी मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने की जरूरत नहीं है. इसकी जरूरत केवल अस्पतालों में भर्ती गंभीर मरीजों को ही पड़ सकती है. इसे भी डॉक्टरी सलाह के बाद लिया जाता है. उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रयोग केवल अस्पतालों में ही हो, यह सुनिश्चित होना चाहिए. यह फैसला डॉक्टरों का पैनल करे कि किस मरीज को यह इंजेक्शनल लगाना है.

बिना लक्षण वाले मरीजों को 10 दिन ही आइसोलेशन की जरूरत

डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वैसे मरीज, जिनमें कोई भी लक्षण नहीं है उन्हें कम से कम 10 दिन आइसोलेशन में रहने की जरूरत है. यह सैंपल जांच के बाद या फिर जब बुखार आना बंद हो जाये, उस दिन से कम से कम 10 दिन आइसोलेशन में रहें. यह अवधि पूरी होने के तीन दिन बाद वे आइसोलेशन से बाहर आ सकते हैं. इसके बाद उनको कोई और टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है.

सांस की समस्या, ऑक्सीजन घटने या सीने में दर्द होने पर अस्पताल जायें

डॉ गुलेरिया ने कहा कि जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. जिनका ऑक्सीजन लेवल 94 प्रतिशत से कम हो जाये. छाती में काफी दर्द हो. दिमागी रूप से कुछ परेशानी हो रही हो, वैसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोरोना होने के बाद मरीज डरें नहीं. जो परेशानी हो रही है, केवल उसी की दवाएं लें. बिना डॉक्टर की सलाह के खुद से कोई दवा न लें. उन्होंने कहा कि घर पर कभी भी रेमडेसिविर इंजेक्शन न लें.

दूसरी लहर राजस्थान और यूपी में 5 गुना ज्यादा तेज

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में पांच गुना ज्यादा तेज है. छत्तीसगढ़ में यह 4.5 गुना और दिल्ली में 3.3 गुना ज्यादा है. केंद्र ने राज्यों से ऑक्सीजन उपभोग का ऑडिट करने के लिए कहा है. कर्नाटक, केरल, बंगाल, तमिलनाडु, गोवा और ओडिशा में न केवल कोरोना चरम पर है, बल्कि संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी का ग्राफ भी ऊपर की तरफ है.