Ranchi: झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का झारखंड और भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर स्वागत करते हुए कहा कि झारखंड गठन के बाद सबसे लंबे समय (करीब छह साल) तक राज्यपाल रहने का गौरव उन्हें प्राप्त हुआ. इस दौरान उन्होंने झारखंड के आदिवासी-मूलवासियों के लिए कई अहम निर्णय लिए, जिसके लिए झारखंड वासी आज भी उनके ऋणी हैं, आभारी हैं. सुप्रियो भट्टाचार्य को मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कही. इसे पढ़ें- अब">https://lagatar.in/now-training-to-make-electric-vehicle-will-be-available-in-ranchi-youth-will-learn-the-art-of-making-battery-and-engine/">अब
 रांची में मिलेगी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने की ट्रेनिंग, बैट्री से लेकर इंजन बनाने की कला सीखेंगे युवा सुप्रियो ने कहा कि राज्य के पूर्व सीएम रघुवर दास की सरकार ने आदिवासी-मूलवासियों की जमीन लूटने के लिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन प्रस्ताव लाया, तो बतौर राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू ने उसे खारिज कर जो उपकार आदिवासी-मूलवासियों पर किया, उसे वे कभी भूल नहीं पाएंगे. उन्होंने कहा कि आज भी द्रौपदी मुर्मू झारखंड की मासी-पीसी (बंगला में मौसी और बुआ) जैसी हैं. झारखंड और झारखंडियों से जो उनकी आत्मीयत रही है, वह किसी से छुपी नहीं है. अब तक बांग्ला सांस्कृति मेले का उद्घाटन झारखंड की राज्यपाल ही करती रही हैं. उन्होंने जिस प्रकार से बंग्ला मेला में आकर बांग्ला में भाषण दिया, वह बिहार, झारखंड, ओडिशा और बंगाल को एक धागे में पिरोने जैसा था. सुखद संयोग है. इसे भी पढ़ें- शाम">https://lagatar.in/evening-news-diary-24-may-2023-jharkhand-news-updates/">शाम
 की न्यूज डायरी।।24 MAY।।राष्ट्रपति ने नए हाईकोर्ट का किया उद्घाटन।।पलामू में नाबालिग से बर्बरता।।बिहार पुलिस में बड़ा फेरबदल।।नई संसद की लड़ाई,बहिष्कार पर आयी।।समेत कई खबरें और वीडियो।। सुप्रियो ने कहा ने नवनिर्मित न्याय के मंदिर का श्रेय पूर्व की सरकार को देने से परहेज करते हुए कहा कि यह बहुत ही सुखद संयोग है कि इसका शिलान्यास राष्ट्रपति शासन के दौरान झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने किया था और आज इसका उदघाटन भारत की राष्ट्रपति कर रही हैं. इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और देश के कानून राज्यमंत्री भी बने हैं. यह झारखंड के लिए सुखद एहसास और गौरव का क्षण जैसा है. [wpse_comments_template]  
                            
                            राज्यपाल के रूप में द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल आदिवासी-मूलवासी कभी नहीं भूल पाएंगे- JMM
                                        
                
                                        
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