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एक अप्रैल से DRDA का अस्तित्व होगा खत्म, मनरेगा,पीएम आवास,सांसद निधि का काम होगा जिला परिषद से

Ranchi: केंद्र सरकार ने डीआरडीए को बंद करने का फरमान जारी कर दिया है. चालू वित्त वर्ष की समाप्ति के साथ ही डीआरडीए को बंद हो जायेगा. डीआरडीए में मौजूदा राशि को जिला परिषदों को ट्रांसफर किया जाना है. केंद्र सरकार कर्मचारियों को भी अन्य विभागों में समाहित करने की कोशिश करेगी. यहां बता दें कि मनरेगा, पीएम आवास योजना या फिर सांसद निधि जैसी दर्जनभर से ज्यादा ग्रामीण विकास की योजनाओं का क्रियान्वयन डीआरडीए से ही होता था. भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 1 नवंबर को झारखंड सहित सभी राज्य सरकारों को लिखे पत्र में डीआरडीए को 1 अप्रैल, 2022 से बंद करने की जानकारी दी है. इसे भी पढ़ें - रिम्स">https://lagatar.in/the-dilapidated-lift-of-the-rims-became-the-cause-of-the-accident-one-person-was-seriously-injured-due-to-the-fall/">रिम्स

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डीआरडीए का जिला परिषद में हो सकता है विलय

मंत्रालय के अपर सचिव संजय कुमार ने सभी राज्यों, संघ राज्य क्षेत्रों को बताया है कि वे इसके लिए क्या-क्या कदम उठा सकते हैं. पत्र पर गौर करें, तो डीआरडीए को अब जिला परिषद के साथ विलय किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि डीआरडीए बंद होने के साथ ही इसमें काम करने वाले कर्मचारियों की नौकरी नहीं जाएगी. कर्मियों को योग्यता के अनुसार, काम में लगाया जाएगा. डीआरडीए में प्रतिनियुक्ति पर काम करने वाले कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में वापस समाहित किया जा सकता है. डीआरडीए को जो फंड विभिन्न योजनाओं में जारी किया गया है. उसका जनवरी में ऑडिट कराया जाएगा. इसके बाद इनके पास जो भी राशि शेष होगी, उसे जिला परिषदों को ट्रांसफर कर दिया जाएगा. 31 जनवरी को यह कार्य पूरा किया जाना है. इसे भी पढ़ें – योगेंद्र">https://lagatar.in/former-ag-ajit-kumar-opposed-to-yogendra-saws-bail-is-lobbying-for-bail/">योगेंद्र

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