से NDRF की पहली टीम तुर्की के लिए रवाना, राहत सामग्री भी भेजी गयी
10 माह से बकाया वेतन को लेकर भी संघर्षरत हैं डीआरडीए कर्मी
विलय के अलावा डीआरडीए कर्मी अपने बकाया वेतन को लेकर भी संघर्षरत हैं. इन्हें 10 माह से वेतन नहीं मिला है. बीते दिनों वेतन के अभाव में एक डीआरडीए कर्मी समर प्रकाश की मौत हो गयी. वे जिले में बतौर सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी के तौर पर अपनी सेवा दे रहे थे. वेतन के अभाव में डीआरडीए कर्मी की मौत का उनके सहयोगियों को इतना धक्का लगा कि एक ने तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर लिखा – झारखंड की व्यवस्था. आखिर कब मिलेगा डीआरडीए कर्मियों को वेतन. विभागीय मंत्री से मिला आश्वासन, पर विलय पर आज तक कोई पहल नहीं. डीआरडीए कर्मचारी संघ अध्यक्ष मानिक चंद्र प्रजापति का कहना है कि विभागीय मंत्री से मुलाकात में बकाया वेतन को लेकर आश्वासन मिला. अभी तक की जानकारी के मुताबिक, 10 माह के बकाया वेतन की फाइल विभागीय सचिव के पास है. जल्द ही इसका समाधान होगा. हालांकि सभी डीआरडीए कर्मियों के जिला परिषद या पंचायत में विलय को लेकर कोई पहल नहीं हुई.320 DRDA कर्मियों का जिम्मा मॉनिटरिंग और रिपोर्ट बनाना
बता दें कि राज्य के जिलों में ग्रामीण विकास अभिकरण का कार्यालय है. उपविकास आयुक्त इसके निदेशक होते हैं. ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित सभी योजनाओं का जिला स्तर पर मॉनिटरिंग और रिपोर्ट बनाने का काम इन्हीं डीआरडीए कर्मियों के जिम्मे होता है. राज्यभर में अभी 320 के करीब डीआरडीए कर्मचारी कार्यरत हैं. डीआरडीए बंद होने के बाद इनकी नौकरी पर संकट है. ऐसे में इन्होंने भी सरकार से मांग रखी थी कि जल्द उनके समायोजन पर निर्णय लिया जाये. इसे भी पढ़ें - रिम्स">https://lagatar.in/late-night-flirting-with-female-doctor-rims-angry-medical-students-created-ruckus/">रिम्सकी महिला चिकित्सक के साथ देर रात छेड़खानी, आक्रोशित मेडिकल छात्रों ने किया हंगामा [wpse_comments_template]

Leave a Comment