किसानों के धान के बिचड़े खेतों में ही सूख गए
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम परामर्श विशेषज्ञ संजीव कुमार ने बताया कि झारखंड के 22 जिलों में सुखाड़ जैसी स्थिति बनी हुई है. राज्य में 15 से 17% ही धान की रोपाई हो पाई है. समय से बारिश नहीं होने के कारण किसानों के धान के बिचड़े खेतों में ही सूख गए. जिन किसानों के पास थोड़ा बहुत बिछड़ा बचा हुआ था, वह हाल के एक-दो दिन में हुई बारिश के बीच धान की बुवाई कर रहे हैं. धान की रोपाई समय पर नहीं होने के कारण उत्पादन पर असर पड़ेगा. इसे भी पढ़ें- महिला">https://lagatar.in/the-auto-driver-became-a-victim-of-the-anger-of-a-female-policeman-thrashed-fiercely/">महिलापुलिसकर्मी के गुस्से का शिकार बना ऑटो चालक, जमकर पिटाई
18 लाख हेक्टेयर में सिर्फ धान की खेती की जाती है
झारखंड के कुल क्षेत्रफल का 80 फीसदी कृषि ग्रामीण क्षेत्र में होती है. झारखंड में कृषि योग्य भूमि लगभग 28 से 30 लाख हेक्टेयर है. लगभग 18 लाख हेक्टेयर में सिर्फ धान की खेती की जाती है. लेकिन मॉनसून की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. किसानों के सामने इस बात की चिंता है कि खेती नहीं होने की स्थिति में वे परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे.कहां कितनी बारिश व धान की बुवाई
जिले ( वास्तविक वर्षा) (वर्षा -%) (धान की बुवाई %) बोकारो 243 -49 (14.31) चतरा 149.9 -69 (2.08) देवघर 229.2 -56 (1.06) धनबाद 285.7 -49 (0.07) दुमका 261 -53 (0.44) पूर्वी सिंहभूम 479.2 -17 (34.78) गढ़वा 176.9 -62 (1.60) गिरिडीह 274 -48 (1.40) गोड्डा 160.7 -67 (5.20) गुमला 259 -55 (22.78) हजारीबाग 263.8 -53 (2.30) जामताड़ा 172 -70 (0.44) खूंटी 320.4 -45 (16.03) कोडरमा 250.9 -45 (9.12) लातेहार 258.1 -53 (5.32) लोहरदगा 289.1 -47 (31.03) पाकुड़ 186.8 -70 (6.12) पलामू 179.6 -57 (0.29) रामगढ 265.7 -51 (11.24) रांची 328.9 -41 (9.62) साहिबगंज 212 -66 (6.08) सराइकेला-खरसावां 350.9 -34 (28.81) सिमडेगा 343.6 -51 (25.13) पश्चिमी सिंहभूम 413.2 -21 (57.71) इसे भी पढ़ें- महिला">https://lagatar.in/the-auto-driver-became-a-victim-of-the-anger-of-a-female-policeman-thrashed-fiercely/">महिलापुलिसकर्मी के गुस्से का शिकार बना ऑटो चालक, जमकर पिटाई [wpse_comments_template]