Ranchi: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (DSPMU) के वित्त अधिकारी आनंद मिश्रा एक बड़े विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं. झारखंड सरकार के मानव संसाधन विकास निदेशालय द्वारा जारी पत्र का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप उन पर लगा है. राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने इस मामले में मुख्यमंत्री से कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
गुप्ता के अनुसार, उच्च शिक्षा निदेशक के स्पष्ट निर्देश के बावजूद आनंद को वेतन और पेंशन दोनों का पूरा लाभ मिल रहा है, जबकि पत्र में केवल वेतन और पेंशन के अंतर की राशि का भुगतान करने की बात कही गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकारी नियमों की सीधी अवहेलना है और इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. तपन शांडिल्य तथा रजिस्ट्रार डॉ. नमिता सिंह की भी भूमिका संदिग्ध है.
राजेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में तीन प्रमुख मांगें रखी हैं
-वित्त अधिकारी आनंद मिश्रा को तत्काल पद से हटाकर निष्पक्ष जांच कराई जाए.
-अब तक प्राप्त की गई अतिरिक्त वेतन राशि की वसूली कर मिश्रा को बर्खास्त किया जाए.
-कुलपति और रजिस्ट्रार के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाए.
यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है और राज्य की शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है. सरकार की अगली कार्रवाई पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं. मौके पर महासचिव रामावतार कश्यप, जगदीश साहु,जगत नारायण, सुबेदार एसएन सिंह समेत अन्य मौजूद थे.
इसे भी पढ़ें – पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी को अवमानना का नोटिस भेजा