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रातू रोड पर फ्लाईओवर निर्माण बना आमजन के लिए मुसीबत, एम्बुलेंस भी जाम में फंसी, प्रशासन बेपरवाह

Ranchi :  शहर में विकास के नाम पर चल रहे निर्माण कार्यों ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. राजधानी के सबसे व्यस्तम इलाकों में शुमार रातू रोड इन दिनों ट्रैफिक जाम का पर्याय बन चुका है. यहां फ्लाईओवर निर्माण और मुख्य सड़क की मरम्मत एक साथ चल रही है, जिससे हालात बदतर हो गये हैं.
हर दिन सड़क पर घंटों लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहता है. दफ्तर जाने वाले कर्मचारी हों या स्कूल के बच्चे सभी को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है. वाहनों की रेंगती रफ्तार और सायरन बजाती एम्बुलेंस जाम में दम तोड़ती दिखती हैं. अन्य आपातकालीन सेवाओं के वाहन भी जाम में फंसे रहते हैं. 
ट्रैफिक जाम लगने से समय की बर्बादी तो हो ही रही है, लेकिन लोगों की धैर्य की परीक्षा भी अब चरम पर है. सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रशासन की ओर से इस अव्यवस्था पर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है. जहां निर्माण कार्य चल रहा है, वहां कहीं भी ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं की गयी है.
लोगों का कहना है कि यदि किसी बड़े अधिकारी या माननीय नेता का काफिला अगर इस रास्ते से गुजरता है, तो पुलिस सक्रिय हो जाती है, जवान दौड़-दौड़कर रास्ता खाली करवाते हैं, ताकि माननीयों को कोई असुविधा न हो.  आम जनता, जो रोज इस रास्ते से गुजरते हैं, उसे जाम में फंसकर घंटों परेशान होना पड़ता है. सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन परेशानियों पर न तो किसी अधिकारी की नजर पड़ती है, न ही प्रशासन की तरफ से कोई ठोस पहल दिखती है.
रातू रोड में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से राम भरोसे नजर आती है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जनता की तकलीफें प्रशासन की प्राथमिकता नहीं है.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि  क्या आम जनता की जान की कीमत किसी वीआईपी के समय से कम है. क्या प्रशासन को सिर्फ़ वीआईपी मूवमेंट के समय ही ट्रैफिक व्यवस्था की सुध लेनी चाहिए. अगर जाम में फंसी एम्बुलेंस के कारण किसी मरीज की जान चली जाये तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.
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