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दुमका : कोरोना के नए मरीजों में 90 प्रतिशत वैक्सिनेटेड : उपायुक्त

Dumka : कोरोना की तीसरी लहर में जो भी नए मरीज मिल रहे हैं उनमें 90 प्रतिशत वैक्सिन की एक डोज लगवा चुके हैं. झारखंड में जिनोम सेक्वेंसिंग की सुविधा नहीं होने के कारण अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि इसमें से कितने लोग कोरोना के डेल्टा या ओमिक्रोन वायरस की चपेट में आए हैं. यह भी स्पष्ट नहीं है कि ओमिक्रोन वैरिएंट किस व्यक्ति पर कैसा असर डालेगा? यूरोपियन देशों में हुए स्टडी से अभी इतना ही पता चल पाया है कि ओमिक्रोन 15 दिन से महीने भर पीक पर रहेगा. उक्त बातें दुमका के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने ऑनलाईन प्रेस वार्ता में कही. उपायुक्त ने कहा कि नए वैरिएंट के बारे में लोगों की धारणा है कि इससे मौत नहीं होगी. सर्दी-खांसी जैसे मामूली लक्षण होंगे. यह धारणा भी है कि जो वैक्सिन लगवा चुके हैं, वे संक्रमित नहीं होंगे. यह सही है कि ओमिक्रोन से मृत्यु दर पूर्व के वैरिएंट की अपेक्षा कम है. यह किस व्यक्ति पर कैसा असर डालेगा, इसकी अभी पुख्ता जानकारी नहीं है. कोविड वार्ड व कोविड केयर सेंटर्स एक्टिव उपायुक्त ने कहा कि पुराना सदर अस्पताल में बनाए गए कोविड वार्ड और जिले में बनाए गए कोविड केयर सेंटर्स को एक्टिव कर दिया गया है. होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को किट और दवाइयां दी जा रही है. ऑक्सीजन सिलिण्डर और कंसनट्रेटर चेक किया जा रहा है. पीएसआई प्लांट भी चालू हो जाएगी. कोवास लैब में दो शिफ्टों में कोरोना जांच कोवास लैब काम कर रहा है. फिलहाल दो शिफ्टों में काम हो रहा है. कभी-कभी तकनीकी खराबी आने पर उसे ठीक कर दिया जाता है. आरटीपीसीआर जांच के लिए मोबाइल लैब का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे 24 से 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट मिल जाती है. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=216137&action=edit">यह

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