सरसों का चयन किया गया
बैठक में जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि लघु वनोपज पर आधारित आजीविका के लिए वन धन विकास केंद्र की स्थापना दुमका जिले में किया जाना है. इसके लिए दुमका सदर, गोपीकांदर, जामा, जरमुंडी, रानीश्वर और काठीकुंड से एक-एक और मसलिया व शिकारीपाड़ा से दो-दो प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इनमें मुख्य वस्तु के रूप में महुआ फूल, महुआ बीज, साल पत्ता, मक्का, चावल, बांस, अरहर दाल, अगरबत्ती और सरसों का चयन किया गया है. इसे भी पढ़ें- भाजमो">https://lagatar.in/bjmo-ulidih-division-demanded-the-sacking-of-junior-engineer-from-the-electricity-gm/">भाजमोउलीडीह मंडल ने विद्युत जीएम से कनीय अभियंता को बर्खास्त करने की मांग की DC ने कटहल से बने चिप्स, महुआ का अचार, मड़ुआ का आटा, खजूर का गुड़, पलाश से गुलाल, करंज और मधु की संभावना तलाश कर इसे वन धन विकास केन्द्रों के प्रस्ताव से जोड़ने का निर्देश दिया. साथ ही निर्देश दिया कि छत्तीसगढ़ में महुआ का मूल्य संवर्धन किया जाता है. जिसके एक्सपोज़र के लिए जेएसएलपीएस के प्रतिनिधि को छत्तीसगढ़ भ्रमण कर इकाई की स्थापना के लिए प्रस्ताव सुनिश्चित करना है. बैठक में उपायुक्त द्वारा वन धन विकास केंद्र के लिए तैयार प्रस्तावों में उचित संशोधन करते हुए जिलास्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया. इसे भी पढ़ें- टाटा">https://lagatar.in/tata-motors-plant-to-remain-closed-on-october-14-and-15-work-to-be-done-on-sunday/">टाटा
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