Dumka : झारखंड आंदोलनकारी व पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने दुमका परिसदन में पत्रकारों से कहा कि भाषा विवाद के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत भोगनाडीह से होगी. भोजपुरी व मगही को बिहार की भाषा बताते हुए उन्होंने कहा कि पहले भोजपुरी को बिहार में दर्जा मिले उसके बाद झारखंड में बातचीत की जाएगी. बेसरा ने कहा कि अलग राज्य बनने के साथ ही बिहार-झारखंड का सीमा विवाद खत्म हो गया था. अब भाषा के अतिक्रमण का विवाद भी खत्म होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाषा के अतिक्रमण को समाप्त कर और 1932 की खतियान आधारित नियोजन नीति लागू कर ही अलग राज्य बनने का उद्देश्य पूरा होगा. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के रहते ये नीति लागू नहीं हो सकेगी. हेमंत सरकार की गलत नीतियों के विरोध में संथालपरगना से ही शहीद सिदो कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू के नेतृत्व में 4 मार्च से शुरू की जाएगी. दुमका परिसदन में छात्र समन्वय संघ ने उन्हें 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने और झारखंड में भोजपुरी, मगही व अंगिका को स्थानीय भाषा की सूची से हटाने की पहल करने से संबंधित ज्ञापन सौंपा. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=247756&action=edit">यह
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दुमका : 4 मार्च से भाषा विवाद के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत- सूर्य सिंह बेसरा

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