Dumka : सिदो–कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय छात्र समन्वय समिति ने 25 मार्च की शाम संथालपरगना महाविद्यालय के सामने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका. पुतला दहन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र शामिल हुए. छात्र मुख्यमंत्री के 1932 की खतियान आधारित नियोजन नीति नहीं बनाने के बयान से खफा हैं. मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र में यह बयान दिया था. छात्रों का कहना है मुख्यमंत्री के बयान से हमलोग आहत हैं.
समिति के अध्यक्ष श्यामदेव हेंब्रम ने कहा कि छात्र झारखंड के सभी जिलों में 1932 की खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति लागू करने को लेकर चरणबद्ध आंदोलन छेड़ेंगे. उन्होंने कहा कि समिति की अन्य मांगें भी है, जो इस प्रकार है- सरकारी एवं गैर सरकारी नौकरियों में 1932 खतियान आधारित तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में 100% आरक्षण दिया जाए, संताली भाषा को राज्य में प्रथम राजभाषा का दर्जा मिले, भोजपुरी, मगही और अंगिका भाषा को स्थानीय भाषा की सूची में शामिल न किया जाए. श्यामदेव ने कहा कि समिति की मांगें नहीं माने जाने पर छात्र आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. पुतला दहन कार्यक्रम में राजेंद्र मुर्मू, नथानियेल किस्कू, रीतेश मुर्मू, बाबूधन टुडू, कुंदन रजक, शोमाय सोरेन, निलेश हेंब्रम, विमल कुमार टुडू, हरेंद्र हेंब्रम, मुन्नीलाल हांसदा, ठाकुर हांसदा, अभिषेक कुमार, अशीष मरांडी समेत बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे.
यह भी पढ़ें : दुमका : आधुनिक तरीके से पढ़ेंगे बच्चे, शिक्षा विभाग ने एमओयू पर किए हस्ताक्षर