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दुमका : फूलों-झानो मेडिकल कॉलेज डॉक्टरों की कमी से मरीज परेशान

Dumka : फूलों-झानो मेडिकल कॉलेज दुमका के बने करीब 3 वर्ष बीत चुके हैं. पहले जो सदर अस्पताल दुमका था उसी को मेडिकल कॉलेज बना दिया गया. विगत साल इसका नाम बदलकर फूलों-झानो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल कर दिया गया. इस मेडिकल कॉलेज में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं रहने से मरीजों को इलाज के लिए पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल पर निर्भर रहना पड़ता है. इस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ की कमी है. बायोकेमिस्ट्री विभाग, चर्म रोग विभाग, रेडियोलॉजी एवं एनेस्थेसियोलॉजिस्ट समेत अन्य चार विभागों में एक भी डॉक्टर नहीं हैं. कई ऐसे विभाग हैं, जिसमें सिर्फ एक डॉक्टर हैं. बच्चों के विभाग में सिर्फ एक डॉक्टर हैं. हड्डी रोग विभाग में भी सिर्फ एक डॉक्टर हैं. इन विभागों में डॉक्टरों को छुट्टी पर जाने से मरीजों का इलाज नहीं हो पाता.

            बच्चों व हड्डी रोग विभाग में सिर्फ एक डॉक्टर

डॉक्टरों और पारा मेडिकल स्टाफ की कमी की बात को इस मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के अधीक्षक रविंद्र कुमार सिंह भी मानते हैं. उनका कहना है कि व्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. 12 नए डॉक्टरों ने पदभार ग्रहण किया है. दुखद ये भी है कि जिस विभाग में एक भी डॉक्टर नहीं हैं वहां नए डॉक्टर भी नहीं आए हैं. डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए स्थानीय लोग आवाज उठाते रहे हैं. स्थानीय विधायक बसंत सोरेन भी मेडिकल कॉलेज की समस्याओं को लेकर मुखर हैं. उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन को इसकी दुर्दशा से अवगत कराया है. विधायक ने व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सीएम को लिखित आवेदन भी दिया है. यह भी पढ़ें : दुमका:">https://lagatar.in/dumka-used-to-talk-to-others-on-the-phone-so-killed-the-wife/">दुमका:

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