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पुल का निर्माण साल 2009 में किया गया था
मिली जानकारी के मुताबिक इस पुल का निर्माण 2009 में हुआ था. इसके निर्माण का ठेका विशेष प्रमंडल विभाग से हरदेव कंस्ट्रक्शन को दिया गया था. पुल के निर्माण के लिए सरकार ने कई करोड़ रूपये खर्च किये थे. करोड़ खर्च के बाद भी इस पुल का 12 साल में धंस जाना भ्रष्टाचार का संकेत देता है. वहीं लोगों का कहना है कि कनीय अभियंता, विभाग के अधिकारी एवं संवेदक द्वारा मिलीभगत के कारण पुल निर्माण में काफी अनियमितता बरती गयी है. जिस कारण यह पुल आज धंस गया है. इसे भी पढ़ें - Bigg">https://lagatar.in/bigg-boss-15-war-broke-out-between-afsana-and-vidhi-fierce-debate-and-scuffles/">BiggBoss 15 : अफसाना और विधि के बीच छिड़ी जंग, जमकर हुई बहसबाजी और धक्का-मुक्की
बस और ट्रक के परिचालन पर रोक लगा दी गई है
मामले के प्रकाश में आते ही संबंधित विभागीय अधिकारी पुल पहुंचकर निरीक्षण किया. और पुल के शुरूआत से छोर पर ऊपर में लोहे का दोनों साइड में पिलर एवं एक बीच में पिलर दिया. और बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी. जिसके बाद से पुल से सिर्फ छोटी गाड़ी, बाइक, साईकिल गुजर रही है. परंतु अब भी दुर्घटना का संकेत बना हुआ है. बता दें कि इस पुल से लगभग 50 से अधिक गांव को लोगों का आवागमन होता है. सैंकड़ो बस और ट्रक का परिचालन होता है. लेकिन पिलर धंस जाने के कारण अभी बस और ट्रक के परिचालन पर रोक लगा दी गई है. इसे भी पढ़ें -कोडरमा">https://lagatar.in/koderma-aunt-cut-off-nephews-genitals-in-minor-dispute-youths-condition-critical/">कोडरमा: मामूली विवाद में चाची ने भतीजे के गुप्तांग को काटा, युवक की हालत गंभीर [wpse_comments_template]

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