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दुमका : सैनिक की विधवा को नहीं मिली तीन महीने से पेंशन, मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

Dumka : द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग ले चुके सैनिक की विधवा को तीन महीने से पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है. पेंशन में देरी होने का वजह सैनिक कल्याण कार्यालय में अधिकारियों का पद रिक्त रहना है. प्रत्येक महीने दस-दस हजार अर्थात् तीन महीने में तीस हजार रुपये इस विधवा को भुगतान किया जाता है. दुमका शहर के शिव पहाड़ में रहने वाली विधवा शोभा रानी दत्ता के पति सुधीर मोहन दत्ता द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल थे. विधवा के पुत्र ने बताया कि पेंशन भुगतान में देरी होने से कई तरह की परेशानी हो रही है. फिलहाल उनकी मां बीमार है तथा रुपये के अभाव में इलाज नहीं करवा पा रही है. पेंशन के लिए ऑफिस का चक्कर लगा-लगा कर विधवा थक चुकी है. बता दें कि जिले में द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग ले चुके पांच सैनिकों की आश्रितों को पेंशन मिलती है. उसी में शोभा रानी दत्ता भी शामिल हैं. जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी के पद खाली झारखंड के पांच जिलों दुमका, रांची, चाइबासा, हजारीबाग व गुमला में सैनिक कल्याण कार्यालय है. इन कार्यालयों में जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी का पद लंबे अरसे से रिक्त है. राज्य स्तर पर नियुक्त होने वाले निदेशक का पद भी रिक्त है. यही कारण है कि पेंशन भुगतान में देरी हो रही है. जिला सैनिक कल्याण कार्यालय दुमका के वरिष्ठ कर्मी निरंजन महतो ने बताया कि विगत साल 5 जुलाई से जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी का पद खाली है. कुछ दिनों तक इस पद पर प्रभारी पदाधिकारी तैनात किए गए, लेकिन दूसरे जगह पद रिक्त होते ही वे चले गए. पदाधिकारी के पद रिक्त रहने के कारण पेंशन भुगतान के साथ-साथ और कार्य प्रभावित हो रहे हैं. कार्यालय के पास फंड की कमी होने से बीएसएनएल ने ब्रॉडबैंड कनेक्शन काट दिया है. इससे ऑनलाइन कामकाज बंद है. वाहन और जनरेटर के लिए डीजल खरीदने के रुपये नहीं हैं. कार्यालय के फटेहाली की जानकारी मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को दी गई है. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=274743&action=edit">यह

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