Dumka : इंडोर स्टेडियम दुमका में 24 मार्च को कालाजार से बचाव को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में ग्रामीण स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया. ये स्वास्थ्यकर्मियों गांवों में लोगों को कालाजार से बचाव के प्रति जागरूक करेंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि कालाजार का लक्षण दो सप्ताह या उससे अधिक समय से बुखार लगना, भूख की कमी, खून की कमी और त्वचा का रंग काला पड़ना समेत अन्य है. इस तरह के लक्षण दिखने पर रोगियों को इलाज कराना चाहिए. कालाजार की जांच सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में की जाती है. लगातार जिन रोगियों को 15 दिनों तक तेज बुखार दवा लेने के बाद भी नहीं उतरे, वे कालाजार के संदिग्ध रोगी हो सकते हैं. वैसे रोगियों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाना चाहिए. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षित ग्रामीण स्वास्थ्यकर्मियों को 1 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी दिया जाएगा.
ग्रामीण स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण डब्ल्यूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. शांतनु सेन, केयर इंडिया के डीपीओ और अन्य ने दिया. प्रशिक्षण के बाद कालाजार से संबंधित प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. मौके पर सिविल सर्जन बच्चा प्रसाद सिंह भी उपस्थित थे.
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