Dumka : होमवर्क पूरा नहीं करने पर ट्यूशन मास्टर की पिटाई से एक 13 वर्षीय बालक पानी पीने के बहाने घर से भाग गया. वह पश्चिम बंगाल के अंडाल स्टेशन में ट्रेन पकड़कर दुमका रेलवे स्टेशन पहुंचा. 6 अक्टूबर को रात 1 बजे आरपीएफ की नजर उस बालक पर पड़ी. आरपीएफ ने तत्काल उसे दुमका चाइल्डलाइन को सौंप दिया. चाइल्डलाइन टीम के सदस्य निक्कू कुमार ने उसे 7 अकटूबर को बाल कल्याण समिति (सीडब्लयूसी) के समक्ष पेश किया. बालक की मां और दादा भी समिति के समक्ष उपस्थित हुए. सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ. राजकुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने बालक को उसकी मां और दादा के हवाले किया.
बालक ने सीडब्लयूसी चेयरपर्सन को बताया कि वह छठी कक्षा में पढ़ता है. ट्यूशन मास्टर ने उसे होमवर्क दिया था. दुर्गापूजा में होमवर्क पूरा नहीं किया. ट्यूशन मास्टर ने छड़ी से उसकी पिटाई की. वह पानी पीने के बहाने चुपचाप घर से भागकर अंडाल रेलवे स्टेशन पहुंचा. वहां दुमका की ट्रेन खड़ी थी. उसमें सवार होकर दुमका पहुंचा. दुमका आरपीएफ ने उसे चाइल्डलाइन को सौंप दिया.
बालक की मां और दादा ने सीडब्लयूसी को बयान दिया कि बालक के घर से निकल भागने की सूचना उन्हें कुछेक घंटे देरी से मिली. ट्यूशन मास्टर ने पूछे जाने पर बताया कि वह पानी पीने गया है. रात में करीब 9 बजे बालक के गायब होने का पता चला. परिजन आसपास के इलाके में उसकी तलाश कर रहे थे. 6 अक्टूबर की रात 1 बजे पता चला कि वह दुमका में है. बालक के पिता बाहर काम करते हैं. सूचना पाकर मां और दादी टैक्सी लेकर 7 अक्टूबर की सुबह 5 बजे दुमका पहुंचे. मां ने कहा कि वह बेटे का पूरा ख्याल रखेगी तथा दूसरे ट्यूशन मास्टर की व्यवस्था करेगी.
यह भी पढ़ें : दुमका में फिर हैवानियत, सिरफिरे प्रेमी ने युवती को पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाया